What is Sitkari Pranayama And its Benefits?

अक्सर हम लोग बहुत सारे प्राणायाम की बात करते हैं पर उन सब प्राणायाम में अलग है सत्कार्य प्राणायाम। तो आज हम बात करेंगे । What is Sitkari Pranayama and its benefits की ।
इस Article की मदद से हम जानेंगे कि शीतकारी प्राणायाम होता क्या है । हम यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि हम Sitkari Pranayama को कैसे कर सकते हैं। उसके साथ साथ हम Sitkari Pranayama के Benefits को भी जानते हुए आपको बताएंगे कि किस समय और क्या- क्या सावधानी रखनी चाहिए Sitkari Prnayama करते वक्त।

शीतकारी प्राणायाम क्या है ? (What is Sitkari Pranayama?) :- 

शीतकारी  प्राणायाम ( Sitkari Pranayama ) का अर्थ होता है, ठंडक प्रदान करना । अर्थात शीतकारी प्राणायाम हमारे शरीर को ठंडक प्रदान करता है । जिस प्रकार किसी स्थान पर आग लगने पर  जल उसी स्थान पर आग को बुझाते हुए उस स्थान को शीतल करने में सहायक होता है उसी प्रकार शीतकारी प्राणायाम भी जल के समान है जो हमारे शरीर के भीतर उत्पन्न गर्मी को ठंडक पहुंचाने का कार्य करता है ।

शीतकारी प्राणायाम ग्रीष्म ऋतु में गर्मी से निजात पाने के लिए अमृत के समान है यह प्राणायाम बेहद सरल और उपयोगी प्राणायाम है । इस प्राणायाम को ” अभ्यास कूलिंग ” प्राणायाम भी कहा जाता है । शीतकारी प्राणायाम को करते वक्त “सी” की आवाज आती है ।                                    

*आइए जानते हैं ,  इस प्राणायाम को कैसे किया जाता है ?                                                

How to do Sitkari pranayama in Hindi? शीतकारी प्राणायाम करने की विधि:-                                                   

1.  शीतकारी प्राणायाम में  स्वच्छ स्थान पर दरी बिछाकर सिद्धासन मुद्रा में बैठ जाए                 

2.   अपने सिर व मेरुदंड को सीधा रखें |                                                                                             

3.    इसके पश्चात अपनी जीभ को ऊपर की ओर मोड़ते हुए तालु के अंतिम छोर तक ले जाएं      

4.    इसके पश्चात नीचे के जबड़े के दांतो को ऊपर की जबड़े  के दांतो के साथ मिलाएं                           

5.   बाद में होठों के बीच में कुछ दूरी रखें होठो के किनारे से सांस को अंदर की ओर खींचते हुए  ले जाए ।    

6.   स्वास लेते समय  “सी ”  की आवाज  होनी  चाहिए                                                                         

7.   अब  स्वास को  कुछ समय तक रोककर रखें |                                                                         

8.   बाद में नाक से स्वास को बाहर की ओर छोड़ें                                                                        

9.   यह प्रक्रिया 15 से 20 बार दोहराएं  |    

ध्यान रहे  -:  इस प्राणायाम को प्रतिदिन करने से अच्छे परिणाम मिलेंगे ।                                  

Benefits of Sitkari Pranayama | शीतकारी प्राणायाम के लाभ:-

1. पसीना नहीं आता -:  इस प्राणायाम से पूरे शरीर में शीतला आती है , पसीना नहीं आता है, वैसे तो पसीना आना आवश्यक है। पसीने आने के कारण हमारे शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है लेकिन ऐसा कहा जा सकता है कि इस प्राणायाम के द्वारा अत्यधिक पसीना आने से रोका जा सकता है ।  

2. पाचन शक्ति बढ़ाता है -: इस प्राणायाम का अभ्यास अपच के कारण पेट में जलन गैस बनना आदि को दूर करता है , भोजन को बचाना हमारे लिए उतना ही आवश्यक है जितना भोजन को ग्रहण करना। पाचन की प्रक्रिया से हमारे पेट से एक ऐसे एसिड का स्त्राव होता है जो पाचन के लिए बहुत जरूरी है

3. शारीरिक सुंदरता -:  इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास से शारीरिक सुंदरता को बढ़ाया जा सकता है |

4.बुखार आने से बचाता है -: हमारे शरीर का तापमान 98.4 डिग्री F. होता है । लेकिन शरीर का तापमान इससे अधिक होने पर बुखार होना माना जाता है । शीतकारी प्राणायाम ( Sitkari Pranayama ) के अभ्यास से शरीर के तापमान को नियंत्रित किया जा सकता है |

5. भीतरी अंगों की सफाई -: यह प्राणायाम शरीर के भीतरी अंगों की भी सफाई करता है ।

6. भूख बढ़ाने में सहायक -:  भोजन के प्रति अरुचि होना या भूख ना लगना भी एक सामान्य रूप के समान ही है , इस समस्या के अंतर्गत भोजन रुचिकर ना लगने पर भी भोजन ग्रहण करना होता है । भूख ना लगने की समस्या अपच के कारण ही होती है । और शीतकारी प्राणायाम ( Sitkari Pranayama ) अपच की समस्या को दूर करने में सहायक होता है ।

7. अच्छी नींद आना -:  अच्छी नींद आने से हमारे शरीर की थकान दूर होती है । और हमें  एक नई ऊर्जा की प्राप्ति होती है|  इस प्राणायाम को करने से व्यक्ति नींद ना आने की समस्या से निजात पा सकता है

8. रक्त संचालन में सहायक -:  इस प्राणायाम से शरीर में रक्त संचार प्रक्रिया में सुधार आता है और मानसिक स्वास्थ्य व अनेक बीमारियों से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है|

9. ऑक्सीजन की पूर्ति -:  शीतकारी प्राणायाम को सुबह के समय नियमित करने से ऑक्सीजन की मात्रा कभी कम नहीं होती है ।

10. चेहरे पर चमक -: चेहरे पर चमक  लाने में शीतकारी प्राणायाम । रक्त को शुद्ध करता है रक्त शुद्ध होने पर चेहरे पर चमक सोते ही पड़ जाती है।     

शीतकारी प्राणायाम ( Sitkari Pranayama ) के समय रखी जाने वाली सावधानी 

 * मुंह में कफिया टॉन्सिल होने पर यह प्राणायाम बिल्कुल ना करें ।

 * सर्दियों में इसका अभ्यास ना करें ।

 * अस्थमा , सर्दी , खासी  या जुखाम होने पर शीतकारी प्राणायाम ( Sitkari Pranayama ) नहीं करें ।                                                     

*  शीतकारी प्राणायाम को खाली पेट ही करना उचित है ।

*  प्रारंभ में इस प्राणायाम को अपनी क्षमता के अनुसार ही करें।

 इसके अतिरिक्त शीतकारी प्राणायाम से अन्य रोग जैसे दंत रोग मुंह में छाले गले में दर्द जुखाम होना नाक से संबंधित अन्य रोग आदि में लाभ मिलता है।

FAQ Related What is Sitkari Pranyama And it’s Benefits?

Is Sitkari a Pranayama?
(क्या Sitkari एक Pranayama है?)

जी हां Sitkari Pranayama एक यौगिक Exercise है जिस से आपका दिमाग और मन दोनों शांत हुआ करता है।
यह बहुत ही अच्छा योग आसन हुआ करता है । इसके बहुत ही सारे लाभ हुआ करते है ।

Can Pranayama really work?
(क्या Pranayama सच में काम करता है?)

जी हां Pranayama सच में बहुत लाभदायक हुआ करता है । प्राणायाम Blood Pressure ,Lungs की बीमारी और आपकी सेहत को दुरुस्त रखता है। आपके दिमाग को भी बहुत ज्यादा चुस्त रखा करता है।

Final words for What is Sitkari Pranayama And its benefits

इस Article की मदद से आज हमने आप लोगों तक यह बात पहुंचाने की कोशिश की है की Sitkari Pranayama क्या होता है। उसे करने की विधि क्या होती है और इस Article के माध्यम से हम ने यह भी बताया कि Sitkari Prnayama के Benefits क्या-क्या है। हमने यह भी चर्चा करें कि इसको करते वक्त हमें किन-किन चीजों की सावधानी बरतनी चाहिए जिससे हमें इसके परिणाम Positive मिलें ।

हम आशा करते है कि आपको हमारा यह आर्टिक्ल ‘What is Sitkari Pranayama And its benefits’ पसंद आया होगा । इस Article को पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद ।

Leave a Comment