Hamare Jivan Me Shiksha Ka Mahatva Nibandh in Hindi | शिक्षा का महत्व निबंध

इस आर्टिकल में आप जानेंगे All About Shiksha Ka Mahatva Nibandh in Hindi, शिक्षा का महत्व प्रस्ताव और हमारे जीवन में शिक्षा का महत्व निबंध । शिक्षा का हमरे जीवन में बडा महत्व होता हैं। शिक्षा के बिना हमारा जीवन अधुरा होता हैं। शिक्षा से ही हम अपने लक्ष्यो को हासिल कर सकते हैं।

शिक्षा हमारे जीवन के विकास का प्रमुख आधार होता हैं। शिक्षा से ही हम अपनी सफलता को हासिल कर सकते हैं। शिक्षा ही हमे हमारा मार्गदर्शन कराती हैं। शिक्षा के माध्यम से ही हमे अच्छे संस्कार मिल पाते हैं। जिसके पास शिक्षा नही होती वह व्यक्ति पशु के समान जीवन यापन करता हैं। शिक्षा हमे ज्ञान और बुद्धि प्रदान करती हैं। शिक्षा ही हमारे जीवन का मूल आधार हैं।

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हमारे जीवन में शिक्षा का महत्व निबंध → शिक्षा का महत्व शुरू से ही रहा हैं। इसलिए स्वामी विवेकानंद जी ने लिखा हैं।  हमारी शिक्षा ऐसी होनी चाहिए। जिससे हमारे चरित्र का निर्माण हो। हमारी बुद्धि का विकास हो। और हमारे मन की शक्ति बढे। शिक्षा प्राप्त करना हर एक व्यक्ति का मौलिक अधिकार हैं। शिक्षा ही एक ऐसा हथियार हैं।

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जिससे इस देश का बदला जा सकता हैं। शिक्षा ही हमारे अंदर आत्मविश्वास बढाती हैं। शिक्षित होने हम मानसिक तथा सामाजिक रूप से जागरूक होते हैं। शिक्षा ही हमे अच्छे और बुरे का ज्ञान सिखाती हैं। शिक्षा ही के माध्यम से हम इस देश के नागरिक बन सकते हैं। शिक्षा से ही देश का विकास होता हैं। शिक्षा ही हमारी सफलता की कुँजी हैं। हमे अपने जीवन में आगे बढने तथा सफल होने के लिए शिक्षा की जरूरत होती हैं।

शिक्षा ही हमे सफल होने के मंच को प्रदान करती हैं। शिक्षा का उपयोग हम किसी भी क्षेत्र में कर सकते हैं। शिक्षा ही हमारे चरित्र को बना सकती हैं। और अशिक्षा हमारे चरित्र को बिगाड देती हैं शिक्षा ही के द्वारा देश की उन्नति होती हैं। शिक्षा ही हमारे अंदर आत्मविश्वास को बढाती हैं।

तथा शिक्षा हमारे व्यक्तिगत जीवन का निर्माण भी करती हैं। शिक्षा से ही हम अपने बेहतर जीवन की कल्पना कर सकते हैं। शिक्षा दिवस 11 नवम्बर को मनाया जाता हैं। पहला शिक्षा दिवस 11 नवम्बर 2008 को मनाया गया। भारत के लोगो के लिए शिक्षा की अनेक पहल की गई हैं। जिससे उनको शिक्षा का मतलब समझ में आ जाए। इस साल 2008 में शिक्षा दिवस मनाने का फैसला किया गया। इसे दिन को कई तरीके से मनाया जाता हैं। इस वर्ष मौलाना आजाद की 130 वी जयंती पर ग्यारवा राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया। शिक्षा से ही मनुष्य के मन का विकास होता हैं और वह अपने पैरो पर खडा हो सकता हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की जानकारी → राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की स्थापना 2008 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय में हुई। मौलाना अब्दूल कलाम की याद में मनाया जाता हैं। भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में आजाद ने मुफ्त प्राथमिक शिक्ष्क्सा व AICTE और UGC के साथ राष्ट्रीय प्रणाली की शिक्षा की स्थापना की थी।

मौलाना आजाद का जन्म 11 नवम्बर 1988 को हुआ। 15 अगस्त 1947 से 1958 तक प्रधानमंत्री रहे। उनको भारत रत्न से समानित किया गया। शिक्षा दिवस को याद रखने के लिए उनके जन्मदिन पर मनाया जाता हैं। इनका कार्यकाल 11 वर्ष का था। Eastern Literature में रिसर्च को बढावा दिया। फिर arts के विकास के लिए तीन संस्थानो नाटक संगीत, और साहित्य कला, ललित कला अकादमी की स्थापना की। इनके पिता बहुत बडे विद्वान थे।

और ये दिल्ली में रहते थे। 1857 के गदर के दौरान वे दिल्ली से मक्का में चले गए। यह हिन्दी, उर्दू, और फारसी भाषा के ज्ञाता थे। बंगाली, अरबी और अंग्रेजी के भी विद्वान थे। इनकी शादी 13 साल की उम्र में जुलेखा नाम की लडकी से हुई। ये ब्रिटिश विरोधी थी। उन्होने असहयोग आंदोलन में मुख्य भुमिका निभाई 35 साल की उम्र में वे कांग्रेस के अध्यक्ष बने।

भारत और पाकिस्ताअन का विभाजन करने वाले वो पहले ऐसे मुसलमान थे। जो जवाहरलाल नेहरू के सबसे करीबी विश्वासपात्र थे। 22 फरवरी 1958 को दिल का दौरा पडने से उनकी मृत्यु हो गई।

Shiksha Ka Mahatva Nibandh in Hindi  शिक्षा का महत्व निबंध
Shiksha Ka Mahatva Nibandh in Hindi | शिक्षा का महत्व निबंध

शिक्षा के लक्ष्य → किसी भी समाज का अधार सत्मभ उस समाज की शिक्षा होती हैं। समाज भी उसी प्रकार का होगा। शिक्षा के उद्देश्य, समाज के निर्देश के अनुसार निर्धारित किये जाते हैं। शिक्षा के व्यक्तिगत लक्ष्य से तात्पर्य हैं कि किसी शिक्षक द्वारा व्यक्तिगत योग्यता और समताओ का विकास किया जाना चाहिए।

इसके अनुसार शिक्षा को ऐसा वातावरण प्रस्तुत करना चाहिए। अपने जीवन को अधिक से अधिक सफल व उन्नत बना सके। जैसे एक राजा के बेटे को घर में ही सभी प्रकार की शिक्षा प्राप्त होती हैं। उसे व्यक्तिगत शिक्षा कहते हैं। जैसे टयूशन पढाना भी व्यक्तिगत शिक्षा होती हैं। व्यक्ति को अपनी योग्यताओ, रूची और अरूचि की पूर्ण स्वतंत्रता होनी चाहिए।

जितनी अच्छी शिक्षा होगी। उतना ही छात्र का विकास होगा। समाजिक शिक्षा का लक्ष्य जिसमे व्यक्ति को सामाजिक कार्यो में अपना योगदान देन की कला सिखता हैं। प्रत्येक व्यक्ति का समाज के प्रति कुछ ना कुछ दायित्व होता हैं। उसे अपने दायित्व को समझना चाहिए। और बालक भी समाज का उत्तरदायित्व हैं। समाज की बुराईयो को शिक्षा के द्वारा खत्म किया जा सकता हैं। भारत में प्राचिन काल से ही समाज में अनएक बुराईयाँ फैली हुई हैं।

जैसे, छुआछूत, जातपात, पर्दा प्रथा, बाल विवाह, विधवा विवाह एक स्त्रीयो की निम्न दशा के रूप में हमारे देश में फैली हुई हैं और प्रगती में बाधा बन रही हैं। शिक्षीत व्यक्ति ही एक अच्छे समाज की नीव रख सकता हैं। शिक्षा के अभाव में समाज अर्थहीन हैं। समाज अपनी एकता एवं उन्नति के लिए शिक्षित व्यक्ति पर ही निर्भर हैं। शिक्षित व्यक्ति के सहयोग के बिना प्रगति असंभव हैं। व्यक्ति को अप्ने हित का ध्यान न रख कर समाज के हितो का ध्यान रखना चाहिए। व आवश्यकता पडने पर समाज के बलिदान के लिए तैयार रहना चाहिए। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैं। शिक्षा से ही व्यक्ति का चरित्र बनता हैं।

मस्तिष्क के बिना व्यक्ति की कल्पना नही की जा सकती। मानसिक रूप से विकसित मनुष्य ही समाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, क्षेत्रो में समस्या का सामाधान कर सकता हैं। सत्य, असत्य, उचित, अनुचित, भाषा का ज्ञान, अध्ययन का ज्ञान तथा यथार्थाता का ज्ञान बालको के मानसिक विकास से ही संभव हो पाता हैं। शिक्षा से ही बालक मनन, तर्क, चिंतन, स्मृति, निरिक्षण, एवं निर्णय लेने की क्षमताओ का विकास होता हैं। समाज को जागरूक करना ही शिक्षित व्यक्ति का कार्य हैं। अशिक्षित होने के कारण भी बेरोजगारी समाज में फैलती जा रही हैं। गरीब लोग शिक्षा को प्राप्त नही कर पाते इसलिए समाज में वे पिछडे हुए रह जाते हैं।

शिक्षा के आभाव के कारण → शिक्षा के आभाव के कारण मनुष्य पशुतुल्य हैं। उसका मानसिक विकास ही रूक जाता हैं। शिक्षा के आभाव के कारण लोग अपने लक्ष्य को प्राप्त नही कर पाते। बेरोजगारी दिन प्रतिदिन शिक्षा के आभाव के कारण फैलती ही जा रही हैं। अशिक्षित व्यक्ति अपराधिक प्रवृती का शिकार हो जता  हैं। जैसे चोरी, डकैती, बलात्कार, आतंकवाद अन्य गतिविधियो का शिकार हो जाता हैं।

अनपढ व्यक्ति का फायदा कोई भी उठा सकता हैं। दिन प्रतिदिन भारत डिजिटल होता जा रहा हैं। जिसमेन लोगो का शिक्षित होना बहुत आवश्यक हैं। आज शिक्षा ने समाज को नए नए आयाम दिये हैं। जैसे एडवांस कम्पयूटर, चाँद पर जाना, खगोलिक जानकारी प्राप्त करना आदि। और समाचार, मिडिया, आदि के बारे में अवगत कराया हैं। शिक्षा न होने के कारण व्यक्ति गरीबी में जूझता रहा हैं। और बेरोजगारी बढती जा रही हैं।

Shiksha Ka Mahatva Nibandh in Hindi  शिक्षा का महत्व निबंध
Shiksha Ka Mahatva Nibandh in Hindi | शिक्षा का महत्व निबंध

शिक्षा के नये आयाम शिक्षा ने आज बहुत प्रगति कर ली हैं। आजकल स्कूलो में भी काफी प्रगती हो रही हैं। स्कूलो में भी शिक्षा को डिजिटल बनाया जा रहा हैं। बच्चो को अच्छी शिक्षा दी जा रही हैं। बच्चो को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढने का प्रोत्साहन दिया जा रहा हैं। शिक्षा को आसान बना दिया हैं ताकि सभी शिक्षित हो और कोई भी देश में अशिक्षित ना रह सके। इसलिए शिक्षित होना बहुत जरूरी हैं।

Final Words for Shiksha Ka Mahatva Nibandh in Hindi

हम सभी के लिए शिक्षा ही सफलता कि कुँजी हैं। जो हमारे जीवन में नये अवसर देती हैं। शिक्षा से व्यक्ति के मानसिक, शारिरीक, आध्यात्मिक विकास होता हैं। शिक्षा के माध्यम से ही व्यक्ति दक्षता अथवा कुशलता हासिल करता हैं। और एक अच्छे चरित्र का निर्माण होता हैं। शिक्षा ही हमे विभिन्न प्रकार का ज्ञान और कौशल प्रदान करती हैं।

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