50 amazing Life Changing Stories : Murkho ki bahumat Hindi Kahani

Murkho ki bahumat Hindi Kahani : तो आज हम 50 अमेजिंग नाइस चेंजिंग कहानियों में आप लोगों के लिए कहानी लेकर आए हैं जिसका नाम है मूर्खों की बहुमत जी हां बिल्कुल सही सुना आपने आज की इस दिलचस्प कहानी में हम आप लोगों को एक ऐसी सीख देने जा रहे हैं जिससे यदि आप अपनी जीवन इस्तमाल करते हैं तो आपका जीवन पूरी तरह से बदल सकता है तो आज इस कहानी में हम बात करेंगे कि कैसे मूर्खों की बहुमत होने के बावजूद भी इसी विद्वान की बात गलत नहीं हो सकती और हम यही जानेंगे कि कैसे एक कहानी आपके जीवन प्रभाव डालती है।

Murkho ki bahumat Hindi Kahani


Murkho ki bahumat Hindi Kahani: चलिए फिर हम बिना किसी देरी के कहानी की शुरुआत करते हैं बंदर और उल्लू की और कैसे उल्लू की मूर्खता बंदर पर भारी पड़ी।

Murkho ki bahumat Hindi Kahani : इस कहानी की शुरुआत होती है उल्लू से एक बार की बात है जंगल में उल्लू एक पेड़ पर रहता है दिन में उसको ना दिखने की वजह से वह पूरे दिन एक पेड़ में अपने घोसले में ही छुपा रहता था जैसा कि हम सब जानते हैं कि उल्लू को दिन में बहुत कम दिखा करता है इसलिए वह रात में ही बाहर रहते हैं और देखते हैं और

इसी की वजह से मैं अपने घोसले से भी अपने खाने के लिए रात में ही निकलते हैं तो एक दिन की बात है बहुत गर्मी थी और गर्मियों के दिन में बंदर उछलता कूदता एक पेड़ से दूसरे पेड़ खुद फांदकर थक गया था और गर्मी की वजह से वह परेशान होकर एक पेड़ की डाल पर बैठ गया।


Murkho ki bahumat Hindi Kahani: उसी पेड़ पर उस उल्लू का घोंसला था और उस उल्लू के घोंसले के पास आकर बैठ गया और बंदर ने कहा कि हाय रे गर्मी आज तो मार ही दिया सूर्यदेव आपने इस बात को सुनकर उल्लू से रहा नहीं गया और उल्लू ने तपाक से कहा कि बंदर तुम मुझे झूठ बोल रहे हो सूर्य की तो रोशनी होते ही नहीं है वह तो चंद्रमा की रोशनी होती है और चंद्रमा की रोशनी में गर्मी नहीं होती तुम मुझे पागल बनाने का प्रयास कर रहे हो बंदर ने इस बात को सुनकर पहले तो हंसी आई

Murkho ki bahumat Hindi Kahani : और उसने उल्लू को समझाने का प्रयास किया बहुत।
कि नहीं मित्र तुम गलत समझ रहे हो रात में चांद निकलता है और दिन में सूर्य और सूर्य के प्रकाश की वजह से ही गर्मी लग रही है और इसी की वजह से यहां पर हम गर्मी को महसूस कर रहे हैं।

Murkho ki bahumat Hindi Kahani : उल्लू ने बंदर की एक ना मानी और उल्लू लगातार बहस करता गया बंदर से हार कर बोला कि तुम कैसे कह सकते हो कि चंद्रमा की रोशनी उल्लू ने कहा कि चलो मैं तुम्हें अपने तीसरे या एक अपने मित्रों से बात करवा सकता हूं दोनों के दोनों पास ही ढूंढ के पास जा पहुंचे तब कुल्लू ने अपने मित्रों के सामने वह बात पूछें कि क्या सूर्य में प्रकाश होता है

Murkho ki bahumat Hindi Kahani : और बंदर की सारी कहानी सुनाई बंदर ने सबको कहा की यह उल्लू उसकी एक बात नहीं मान रहा यह सुनकर सारे उल्लू हंसने लगे और बंदर का उपहास करने लगे उन्होंने बंदर को मजाक बना दिया और मजाक उड़ाते हुए कहा कि तुम बिल्कुल भी नहीं पता बंदर की है चंद्रमा की रोशनी है सूर्य की रोशनी कहां से होगी हमने तो चंद्रमा को ही देखा है।


Murkho ki bahumat Hindi Kahani: बंदर ने काफी प्रयास किया उन सब को समझाने का चंद्रमा की रोशनी नहीं वह सूर्य की रोशनी है कि तुम लोग रात में ही ज्यादा अच्छे से देख पाते हो इसी की वजह से तुम्हें ऐसा लग रहा है कि वही होता है जो दिन में भी होता है रात में होता है और बंदर पर आक्रमण कर दिया क्योंकि उन्हें दिन में कम दिखता है इसी की वजह से वहां से जैसे-तैसे अपनी जान बचा कर भाग गया और एक बात का निश्चय किया कि यदि जीवन में किसी भी व्यक्ति के सामने अपना पक्ष रखना बेहतर होता है कि आप चुप ही रहे।

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50 amazing Life Changing Stories : Murkho ki bahumat Hindi Kahani

Murkho ki bahumat Hindi Kahani ; तो आज के इस दिलचस्प कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि यदि हम मूर्खों के झुंड में बैठे हैं तो किसी विद्वान की बात को सही सिद्ध नहीं कर सकते तो इससे बेहतर है कि आप उनसे बात ही ना करें मूर्खों के झुंड होने के बावजूद भी विद्वानों की बात गलत शब्द नहीं होती इस कहानी से हमें यह सिद्ध होता है और इस कहानी से हमें यह भी सीखने को मिलता है कि यदि आप किसी मूर्ख लोगों के सानिध्य में रहते हो तो आप भी मूर्खता की तरह ही बात करने लग जाते हैं।

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