Home Hindi Kahani 50 amazing Life Changing Stories : Laxman Ji Nahi Soye 14 Saal...

50 amazing Life Changing Stories : Laxman Ji Nahi Soye 14 Saal Hindi Kahani

0
112
Laxman Ji Nahi Soye 14 Saal Hindi Kahani
Laxman Ji Nahi Soye 14 Saal Hindi Kahani

Laxman Ji Nahi Soye 14 Saal Hindi Kahani : हम सभी को रामायण की कहानियां सुनने में बड़ी दिलचस्पी होती है और आज के इस कहानी संग्रह में हम आप लोगों के लिए एक ऐसी ही दिलचस्प कहानी लेकर आए हैं जो कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के अग्रज लक्ष्मण जी के बारे में जी हां आज के इस आर्टिकल में हम आप लोगों के लिए एक कहानी लेकर आए हैं जिसमें हम आपको बताएंगे एक दिलचस्प कहानी के बारे में जो बताती है कि लक्ष्मण जी क्यों नहीं सोए 14 साल यह कहानी बहुत ही दिलचस्प है

Laxman Ji Nahi Soye 14 Saal Hindi Kahani

और इससे हमें एक सीख भी मिलती है जिसको हम अंत में आप लोगों के साथ में साझा करेंगे तो हम बिना किसी देरी के चलिए शुरू करते हैं इस कहानी को यह बात जब की है जब रामचंद्र जी के पिता दशरथ उनको अपना राजपाट सौंपने वाले थे और उनकी दूसरी पत्नी के कई और उनकी दासी जिनका नाम मंत्रा था वह के कई को बहुत ज्यादा भड़काया करती थी मंत्रा के कहने पर केकई ने शक किया राजा दशरथ पर और मंथरा ने कहा कि राजा अपने बेटे भरत को बनाना चाहिए राजा पर

Laxman Ji Nahi Soye 14 Saal Hindi Kahani

उन्होंने अपने पुत्र श्री राम को ही राजपाट देने का क्यों सोचा इस तरह से उन्होंने के कई को बढ़ाना शुरू किया और उन्होंने केकई से कहा कि वह राजा दशरथ से दो बार मांगे पहला दो कि वह भारत को अपनी गद्दी सौंप दें और दूसरा भर उन्होंने यह मांगा कि वह 14 वर्ष तक श्री राम को वन में भेज दे वह अपने पति के सामने जाकर यह इस प्रकार मांगी कि राजा दशरथ उन्हें मना ना कर पाएं केकई ने भी ऐसा ही किया और उन्होंने कोप भवन में जाकर त्रियाचरित्र रचाए और राजा दशरथ के सामने अपने दो मांगे रखी और इसी की वजह से राजा दशरथ को उनकी बात माननी पड़ी

Laxman Ji Nahi Soye 14 Saal Hindi Kahani

और राजा दशरथ ने रामचंद्र जी को वनवास दे दिया 14 साल का जब रामचंद्र जी वनवास के लिए अयोध्या से निकले तो लक्ष्मण जी ने भी उनके साथ में जाने का आग्रह किया और वह भी वनवास में जाने लगे इस बात को सुनकर उनकी पत्नी उर्मिला ने भी उनके साथ में जाने का आग्रह किया पर लक्ष्मण जी ने उन्हें अपने साथ ले जाने से मना कर दिया लक्ष्मण जी ने कहा कि सीता माता जो कि उनकी भाभी है वह उनकी मां समान है और वह उनकी सेवा करने के लिए वहां जा रहे हैं यदि उर्मिला वहां जाएंगे तो वह अच्छे से उनकी सेवा नहीं कर पाएंगे और सारा ध्यान उनका उर्मिला पर ही रहेगा

Laxman Ji Nahi Soye 14 Saal Hindi Kahani

Laxman Ji Nahi Soye 14 Saal Hindi Kahani

और लक्ष्मण जी के सेवा भाव को देखकर उर्मिला ने अपनी जिद छोड़ दी और लक्ष्मण जी को अकेले ही जाने दिया पहुंचकर लक्ष्मण जी राम जी और सीता जी ने कुटिया बनाई और कुटिया में विश्राम करते थे जब लक्ष्मण जी पहरेदारी करते थे निवास कर रहे थे तो उनके सामने प्रकट हुई और लक्ष्मण जी ने निद्रा देवी से एक बार मांगा जो कि यह था कि वह 14 साल तक से मुक्त रहना चाहते हैं और यह वर मांगते हुए

Laxman Ji Nahi Soye 14 Saal Hindi Kahani

उन्होंने आग्रह किया कि वे 6 साल तक नहीं सोना चाहते ने उनसे कहा कि यदि कोई और ले ले तो वह वरदान पा सकते हैं और उन्होंने ऐसा ही किया लक्ष्मण जी ने निद्रा देवी को यह आग्रह किया कि वे उनके हिस्से की उनकी पत्नी उर्मिला को दे दे और इसी कारणवश उर्मिला लगातार 14 वर्ष तक सोती रही थी माता सीता ने लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या में वापसी की नींद की अवस्था में रामचंद्र समारोह में उपस्थित थे आ रही थी

Laxman Ji Nahi Soye 14 Saal Hindi Kahani

और हंसी की वजह पूछी गई तो उन्होंने मेरी के वरदान के बारे में सबको बताया और जब ऐसा कहा कि जब मैं उबासी लूंगा तब नींद खुलेगी और लक्ष्मण जी की सभा में सभी मौजूद लोग हंस पड़े और सब की हंसी देखकर लग जाए समारोह से बाहर उर्मिला चली जाती हैं

YOU CAN ALSO READ

What is Reiki Attunement Process in Hindi With 5 best Focus Point By Reiki Grandmaster

Laxman Ji Nahi Soye 14 Saal Hindi Kahani

50 amazing Life Changing Stories : Laxman Ji Nahi Soye 14 Saal Hindi Kahani

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि किसी और की बातों में आकर अपने जीवन में चलते हैं तो हमारे जीवन में हमारे आसपास के लोग इस चीज का फ़ायदा उठाते हैं और इसी वजह से इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी नहीं होना चाहिए हमारे को कोई बढ़ाने का प्रयास करता है तो हमें इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है

कि हम अपने जीवन काल में लोगों के प्रति विश्वास रखें और यह विश्वास रखें कि जो हो रहा है उसमें भगवान की ही मर्जी है और उसमें हमें दखलअंदाजी तो बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here