इस आर्टिकल में बताया गया है- Christmas Essay in Hindi for class 1 to 10, हिन्दी निबंध क्रिसमस का महत्व और Christmas Ka Prastav हिन्दी में के विषय में ।
Table of Contents
The Importance of Christmas Essay in Hindi in 1000 words
क्रिसमस ईसाईयों का प्रसिद्ध त्यौहार हैं। यह त्यौहार 25 दिसंबर को मानाया जाता हैं। इस दिन ईसाई लोग प्रार्थना के लिए गिरजाघर जाते हैं। और सभी एक दूसरे को मेरी – क्रिसमस कहते हैं। और गिरजाघर में केक व पेस्ट्री बाँटी जाती हैं। तथा खाने पीने का भी इंतजाम किया जाता हैं। यह पर्व बडे धूम – धाम से पूरे देश में मनाया जाता हैं। इस दिन घरो में क्रिसमस ट्री को सजाते हैं। और घरो को भी सजाया जाता हैं। इस क्रिसमस त्यौहार ईसाईयो का एक मात्र त्यौहार हैं। इस पर्व पर बच्चो से लेकर बडो तक सभी नए वस्त्र पहनते हैं।
येशु मसीह के जन्म का महत्व | Importance of the birth of Jesus Christ
येशु मसीह का जन्मदिन 25 दिसंबर को मनाया जाता हैं। इनका जन्म बेतलहम के गाँव येरूशलेम में हुआ। वे एक कुँवारी से पैदा हुए। क्योकि प्राचीन काल में भविष्य वक्ताओ के द्वारा यह भविष्य वाणी हुई थी। कि हमारे लिए एक उद्धारकर्ता जन्म लेगा। जो एक कुँवारी से पैदा होगा। उस कुँवारी का नाम मरियम था। जो युसुफ की मंगेतर थी। स्वर्गदूतो ने मरियम को दर्शन देकर कहा कि तेरे गर्भ से एक उद्धार कर्ता जन्म लेगा।
जिसका नाम येशु रखना। तब युसुफ अपनी मंगेतर को लेकर येरुशलेम के नगर बेतलहम को गया। वहाँ उनको एक चरणी में रखा गया था। भविष्य वक्ता के द्वारा सबसे पहले ये संदेश गडरियो को मिला। वे नीची जात के लोग थे। तब भविष्य वक्ताओ ने कहा दाऊद के नगर में तुम्हारे लिए एक उद्धारकर्ता जन्म लेगा। जो तुम सब का उद्धार करने आएगा।
देखो हेरीदेस नामक राजा उसको मरवाने पर था। तुम सब जाकर उसके माता पिता यानि युसुफ और मरियम को संदेश दो। तो गडरियो ने पूछा कि हम कैसे अपने उद्धारकर्ता का दर्शन करे। तब भविष्य वक्ता ने बताया की जब भोर का तारा तुम्हे दिखाई दे। तब उसको देख कर सीधे पहुँच जाना।
तब गडरीयो ने देखा के येशु मसीह को एक चरणी यानी गऊशाला में लेटाया हुआ था। तब वे बडा आनंद मनाने लगे, नाचने लगे। और कहने लगे देखो हमारे लिए आज दाऊद के नगर में उद्धारकर्ता ने जन्म ले लिया हैं। तब वे येशु मसीह का दर्शन करके चले गए। फिर स्वर्गदूत ने युसुफ को स्वप्न में दर्शन देकर कहा कि तुम अपनी मंगेतर और बालक येशु को लेकर मिस्त्र चले जाओ।
देखो यहुदीओ का राजा हेरीदेस इस बालक को मरवाने पर हो। तब युसुफ ने स्वर्गदूत की आज्ञा को मानकर अपनी मंगेतर और बालक येशु की माता को लेकर बेतलहम से निकलकर मिस्त्र देश में चले गए। इसलिए इस दिन की याद में पृथ्वी को बनाने वाले स्वर्गीय सिंहासन पर विराजमान प्रभु येशु मसीह ने लोगो को उनके पापो से छुडाने के लिए अपने आप को शून किया और मनुष्य का रूप धारण करके इस दुनियाँ में जन्म लिया।
तब से पृथ्वी के सारे लोग प्रभु येशु मसीह के जन्म को आनंद के साथ मनाते हैं। ये प्रभु येशु के जन्म की कहानी हैं। इस कहानी से हम सीखते हैं। कि येशु से लगभग 700 साल पहले येशु के जन्म की कहानी लिखी गई थी। और भविष्यवाणी की गई थी। कि प्रभु आप ही तुम को एक चिन्ह देगा। सुनो एक कुँवारी गर्भवती होगी और पुत्र को जन्म देगी। और उसका नाम इमानुएल रखेगी। इससे हमे यह पता चलता है कि परमेश्वर के पुत्र का आना तो तय हैं।
जिसकी वजह थी दुनियाँ में बढे पापो से बचाने के लिए परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को भेजा। और यह भी लिखा हैं कि परमेश्वर ने इस जगत से ऐसा प्रेम किया कि अपना एकलौता पुत्र भी दे दिया। ताकि जो कोई उस पर करे वे नाश ना होंगे। परंतु अनंत जीवन पायेंगे। परमेश्वर ऐसे सरल लोगो से प्यार करते हैं। जो उस पर भरोसा रखते हैं।
Short Essay on Christmas in Hindi in 500 Words
आदि में वचन था और वचन परमेश्वर के साथ था। और वचन ही परमेश्वर था। सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उससे उत्पन्न हुआ उसमे से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न नही हुई। वही जीवन था। वो जीवन मनुष्यो की ज्योती था। जो ज्योती अंधकार में चमकती हैं। और अंधकार ने उसे ग्रहण ना किया। एक यहुन्ना नाम का भविष्यवक्ता जो जीवित ज्योती की गवाही देने आया था। वो सच्ची ज्योती था।
जब येशु अपने लोगो में आए तब लोगो ने विश्वास न किया। और जिन्होने उस पर विश्वास किया। उसने उन्हे परमेश्वर की संतान होने का अधिकार दिया। वचन मनुष्य बना और वह सच्चाई, अनुग्रह बनकर हमारे बीच में रहा। हमने सब ने उसकी महिमा को देखा। जो महिमा परमेश्वर के पुत्र की थी।
तब यहुन्ना भविष्यवक्ता ने येशु की गवाही दी। कि जो आने वाला हैं। वो मुझसे कही ज्यादा शक्तिशाली हैं। और मुझसे पहले था। यहुन्ना ने कहा मैं तो तुम्हे पानी का वपतिस्मा देता हूँ। परन्तु जो आने वाला हैं वो मुझसे बढकर हैं। वो तुम्हे पानी और आग का वपतिस्मा देगा। तब येशु ने पहले यहुन्ना से वपतिस्मा लिया और उसी घडी स्वर्ग से आवाज आई की ये मेरा प्रिय पुत्र हैं।
Interesting Articles:-
Shaktipat Kya Hai | Best Spiritual Benefits of Shaktipat in Hindi in 2023
The Best Spiritual Guru Paramhans Swami Nikhileshwaranand Ji
तभी पवित्र आत्मा एक कबूतर के नाई जैसे येशु के ऊपर आकर ठहर गया। और येशु ने यरदन नदी में वपतिस्मा लिया। और येशु वहाँ से चले गए। तब यहुन्ना ने अपने दो चेलो से कहा ये परमेश्वर का मेम्ना हैं। तभी उसके दोनो चेल सब कुछ छोड कर उसके पीछे चले गए। जब येशु गलील को गए।
और उसने फिलिपुस से कहा मेरे पीछे हो ले। और वे सब उसके पीछे हो ले। एक बार जब येशु नदी के किनारे पहुँचे तब उसने देखा की शमोन, पतरस नामक व्यक्ति अपनी नावो को लेकर मछलियाँ पकडने को गए। परंतु उन्हे नदी में कुछ ना मिला। तब येशु ने उन से कहा अपना जाल नदी के बीच में डाले।
तब उन्होने येशु पर विश्वास करके अपनी नावो को नदी के बीच में ले गए और मछली के जाल को डाला। और तभी तुरंत जाल मछलियो से फटने लगा। और बहुत सारी मछलियाँ पकड ली। और उन्होने और दूसरी नावो को भी मछलियो से भर लिया। और वो सभी हैरान हो गए। तब येशु ने उन से कहा अब से तुम मनुष्यो को जीविता पकडोगे।
तभी वे अपनी नावो और अपने कामो को छोड कर येशु के पीछे हो लिए। और गलील में सुसमाचार फैलाने लगे। तब येशु ने लोगो की भीड से कहा जो कोई उस पर विश्वास करेगा वह नाश ना होगा परन्तु अनंत जीवन पायेगा। एक बार जब येशु मसीह गलील को जा रहे थे। तब वहाँ लोगो की काफी भीड थी।
येशु मसीह उस भीड में से निकल कर जा रहे थे। उस भीड में एक स्त्री भी थी। जिसको १२ साल से लहु बहने का रोग था। उस स्त्री का विश्वास था कि यदि मैं येशु के वस्त्र को छू लुंगी तो चंगी हो जाऊँगी। तभी उस स्त्री ने जिसको लहु बहने का रोग था। अपने येशु के वस्त्र को छु लिया।
तभी येशु के कपडो में से सामर्थ निकली और वह स्त्री चंगी हो गई। तभी येशु ने देखा की उनमे से सामर्थ निकली हैं। तभी चेलो ने कहा भीड मे से किसी ने वस्त्र को छू लिया होगा। तभी येशु ने सु स्त्री को देखा और बोला जा तेरे विश्वास ने तुझे चंगा कर दिया हैं। इसी प्रकार येशु मसीह ने लोगो को भीड को सुसमाचार सुनाया और कहा जिसके पास दो कमीजे हैं। उसमे से एक कमीज किसी गरीब को दे। और जिसके पास भोजन नही हैं उसे भोजन दे।
जो तुम्हारे एक गाल पर चांटा मारे तो उसके आगे अपना दुसरा गाल भी कर दो। येशु मसीह ने अपने चेलो को भी आज्ञा दी कि तुम और जाती–2 के लोगो को अपना चेला बनाओ। येशु ने कहा चोरी ना करना, हत्या ना करना, पाप ना करना, व्यभिचार ना करना, पियक्कड ना बनना, इन सभी आज्ञाओ का समाचार सुनाया।
येशु ने गलील के नासरत नगर में बडे–2 काम किये। जैसे लंगडो को चलाया, अंधे देखने लगे, कोढी चंगे हुए, मुर्दा जिंदा हुए। लाल सागर के दो भाग किए, दुष्टआत्माओ को निकाला। लोगो की भीड येशु के पीछे चली आती थी। तब येशु के 12 चेलो में से एक ने येशु को यहुदियो के हाथो पकडवाने के लिए चाँदी के सिक्के लिए। और कहा वह उसको यहुदी के राजा के हाथ में पकडवा देगा।
जब रात के समय गलसमनी के बाग में जब येशु प्रार्थना कर रहे थे वे जानते थे की उनको पकडवाने की घडी आ चुकी हैं। और वे पिता से प्रार्थना करने लगे। अगर हो सके तो ये लहु का प्याला मुझ पर से हटा ले। फिर भी मेरी नही परंतु आपकी ईच्छा पुरी हो। तभी उसी रात येशु को यहुदियो के हाथो पकडवा दिया। और येशु ने अपना क्रुस उठाया। और उसको कोडे मारे गए।
उनको क्रुस पर लटकाने के लिए ले जाया गया। तब उनके हाथो में कीले गाढी गई, पैरो में कीले गाढी गई। और उसके ऊपर थूका गया। और उसको क्रुस पर लटक दिया और उस पर लिखा गया ये यहुदियो का राजा हैं। सैनिको ने भाले से उसके पसली को भेदा और देखा उस में से पानी और लहु की धारा बह रही थी।
तब येशु ने कहा हे पिता इन्हे क्षमा कर देना ये नही जानते ये क्या कर रहे हैं। और यह कह कर येशु ने अपने प्राण त्याग दिए। फिर उनके शव को नीचे उतारा गया। और उसको कब्र में ले गए जहाँ कब्र खाली थी। येशु मसीह को श्वेत वस्त्र में लिपटाकर तथा उन पर सुगन्ध द्रव छिडक कर रख दिया। और गुफा का द्वार बन्द कर दिया।
तब तीसरे दिन कब्र का पत्थर हटा हुआ था। और उसकी माता और चेलो ने देखा की वे मुर्दो में से जी उठे हैं। यह समाचार सबको सुनाया। और कहा येशु मसीह जिंदा हो गए हैं। और उन सभी चेलो ने येशु को देखा और कहा तु सचमुच परमेश्वर का पुत्र हैं। जो अब मुर्दो में जी उठा हैं।
Final words for Christmas Ka Mahtav Par Nibandh Hindi Mein
इस Article ‘Christmas Essay in Hindi’ में हमें यह पता चलता हैं की येशु मसीह का जन्म येरूशलेम के बेतलहम नगर के गऊशाला जहाँ भेड बकरियाँ बंधी हुई थी। उस छोटी सी चरणी में जन्म हुआ। वो हम सब का उद्धार करने आया हैं। और उसने हमारे सारे पापो, गुनाहो बिमारियो को अपने ऊपर ले लिया। और हमारे लिए अपनी जान दी। और उसने कहा जो कोई उस पर विश्वास करेगा वह नाश ना होगा परन्तु अनंत जीवन पायेगा।
इस कहानी में हम येशु मसीह के जन्मदीन को बडी धूम–धाम से मनाते हैं। यह 25 दिसंबर को पूरी दुनियाँ में मनाया जाता हैं। येशु मसीह ने एकता, प्रेम, भाईचारे, शांति का सुसमाचार पूरे जगत में सुनाया। और पूरे जगत की रचना की। उसने पशु, पक्षी, जीव – जन्तु, आकाश, पृथ्वी, मनुष्यो, तारागणो को बनाया। येशु मसी आज भी जीवित हैं।
Related Article