Abhimani Vyakti Ki Hindi Kahani-Moral Story in Hindi

एक अभिमानी व्यक्ति की प्रेरणादायक हिन्दी कहानी-Abhimani Vyakti Ki Hindi Kahani

Abhimani Vyakti Ki Hindi Kahani– एक गाँव में एक अभिमानी व्यक्ति रहता था । उसे लगता था कि मैं गाँव का सबसे अमीर आदमी हूँ । उसे दिखावा करना अधिक पसंद था । उस व्यक्ति को अपनी प्रशंसा सुनना अच्छा लगता था । गाँव का कोई भी व्यक्ति अगर उसकी झूठी प्रशंसा करता तो उसमें और अभिमान आ जाता था ।

उसे लगता था कि मैं गाँव का सबसे अमीर आदमी हूँ । इसलिए लोग मेरी प्रशंसा करते हैं । उसे पता ही नहीं था कि लोग पीठ पीछे उसे क्या बुलाते हैं? वह व्यक्ति कभी भी अपनी पत्नी और बच्चों की कदर नहीं करता था । उसे बाहरी दुनिया बहुत पसंद थी । हमेशा बाहर खुश रहता था । पत्नी और बच्चों को हमेशा पीटता था ।

Abhimani Vyakti Ki Hindi Kahani-Moral Story in Hindi
Abhimani Vyakti Ki Hindi Kahani-Moral Story in Hindi

वह अपनी पत्नी को पसंद नहीं करता था । वह अगर कुछ भी बोलती थी तो उसकी बात सुनता नहीं था । वह हमेशा अपनी माँ की बात ही सुनता था । उसकी माँ हमेशा काना फूसी करती थी । उसकी पत्नी और बच्चों के खिलाफ उसके कान भरती रहती थी । वह सोचता कि मेरी माँ बहुत अच्छी है और पत्नी बुरी है

माँ उसे जो कहती व्यक्ति वही करता चाहे अच्छा हो या बुरा माँ का कहा उसे सब अच्छा लगता था । उसे पता भी नहीं था कि उसका ही घर खराब हो रहा है । वह हमेशा अपनी मनमानी करता घर में अगर बच्चे बीमार पड़ जाते तो उस व्यक्ति को कोई फर्क नहीं पड़ता था । अगर कोई और बीमार पड़ जाता तो वह उनकी देखभाल में टंग जाता क्योंकि उसे वाहवाही बहुत पसंद थी ।

एक बार गली में आग लग जाती है । वह सब को बचाता है लेकिन अपने बच्चों को नहीं बचाता हैं । पत्नी और बच्चे जैसे तैसे बस जाते हैं, लेकिन उस आदमी से नफरत करने लग जाते हैं और गाँव छोड़कर कहीं दूर चले जाते हैं ।

जैसे जैसे समय बीता और वह बूढ़ा होता गया । गाँव वालों ने भी उसे नजर अंदाज करना शुरू कर दिया । उसे लगता था कि गाँव वाले समाज मेरा परिवार वाले यह सब मेरे हैं । मेरी इज्जत करते हैं, पत्नी और बच्चे नहीं, उसके लिए उसका समाज सब कुछ था । इसी दिखावे में जी रहा था ।

उसे अपनी दौलत पर, झूठी शानो शौकत पर अभिमान था । एक रोज वह बीमार पड़ जाता है । धीरे धीरे उसकी हालत बिगड़ती जाती है, वह बेबस हो जाता है । कुछ समय बीत जाने के बाद उस व्यक्ति की बाई टांग गलने लग जाती है । उसे कोई देखने तक नहीं आता । सब उस पर हँसना शुरू कर देते हैं । तरह-तरह की बातें बनाते हैं और कहते हैं कि

अभिमान कभी न करिऐ, अभिमान मनुष्य को डबोये ।

जो अभिमान से दूर रहे, वह समुद्र पार हो जावे ।।

कैसा मूर्ख इन्सान अपने आप सब कुछ बर्बाद कर दिया । अपनी ही पत्नी और बच्चों को आग में झोंक दिया । एक ऐसी औरत की बात सुनता था जो उसी के घर में आग लगाने का काम करती है । धीरे-धीरे उसकी टांग में कीड़े पड़ने शुरू हो गये । उसने सब से मदद माँगी पर किसी ने भी नहीं की वह सबको बोलता रहा कि मैंने तो तेरा यह काम किया था, मैंने तेरे बच्चे की जान बचाई, मैंने तुझे पैसे दिया ।

सब उसकी मदद करने से इनकार कर देते उलटा उसे ताने कसने शुरू कर देते हैं । कैसा अभिमानी व्यक्ति है? दौलत के नशे में अपने बच्चों और पत्नी को घर से निकाल दिया जो अपनों का ना हो सका वह किसी और का क्या होगा? और आगे चले जाते । उसकी तरफ कोई देखता तक नहीं ।

तब उसे एहसास हुआ कि काश मेरे बच्चे और पत्नी मेरे साथ होते तो मेरी सेवा करते । लेकिन कहाँ से लाऊँ पत्नी और बच्चे? वह सब तो मुझसे नफरत करते हैं भगवान मुझे उठा ले । मैं पापी हूँ, अभिमानी झूठा दिखावे से समाज ओर परिवार के बहकावे में आकर मैंने अपनी पत्नी पर बहुत अत्याचार किया । भगवान मुझे माफ कर दे और उठा ले । मैं जीने लायक नहीं ।

Moral of the Story-Abhimani Vyakti Ki Hindi Kahani

झूठा अभिमान और दौलत का नशा आदमी को बर्बाद कर देता है ।

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अभिमान कभी भी नहीं करना चाहिए ।

Final Words

हम आशा करते हैं कि आप सभी को हमारा यह आर्टिक्ल ‘अभिमानी व्यक्ति की प्रेरणादायक हिन्दी कहानी’ पसंद आया होगा । अपना कीमती समय देकर इस आर्टिक्ल को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद ।

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