What are the 9 Best Yoga Techniques for Beginners in Hindi

Best Yoga Techniques for Beginners in Hindi:-

आज हम बात करेंगे What are the Best Yoga Techniques for Beginners in Hindi के विषय में । मैं खुद सालों से yoga कर रहा हूँ । इस आर्टिक्ल में मैं अपना अनुभव साझा करने वाला हूँ । 

9 Best Yoga Techniques for Beginners

योग के प्रकार (Types Of Yoga ):- 

कुंडलिनी योग

राजयोग

कर्म योग

भक्ति योग

ज्ञान योग

ध्यान  योग

लय योग या नाद योग

क्रिया योग

हठयोग 

Best Yoga Techniques for Beginners

Popular Posts:-

1. Reiki Symbol In Black Magic

2. Reiki se Relation kaise thik Karen               

राजयोग:-

राजयोग सभी योगों का राजा है इसलिए इसे राजयोग कहा जाता है। जब हम इस विधि का प्रयोग करते हैं तो धीरे-धीरे हम yoga में राजा की तरह हो जाते हैं और हमारा खुद पर पूर्ण नियंत्रण हो जाता है।

राजयोग का अभ्यासी व्यक्ति इस संसार में रहते हुए भी संसार से ऊपर उठ जाता है। वह कीचड़ में कमल की तरह हो जाता है जो कीचड़ में रहता है परंतु फिर भी कीचड़ से ऊपर खिलता है। ऐसा व्यक्ति संसार में और अध्यात्मिकता में सन्तुलन बना लेता है। 

क्रिया योग:-

क्रिया योग में पूरक रेचक कुंभक का प्रयोग किया जाता है। पूरक का अर्थ है श्वास अंदर लेना ।  रेचक का अर्थ है स्वास बाहर निकालना और कुंभक का अर्थ है श्वास को अपनी समता के अनुसार अंदर रोके रखना ।

इन तीनों क्रियाओं को करते हुए हम शारीरिक व मानसिक रूप से स्वास्थ्य होते हैं और इसके साथ साथ ही हम आंतरिक और बाह्य रूप से एक होना प्रारंभ हो जाते हैं। यह विधि योग की सभी श्रेष्ठ विधियों में से एक है। 

कुंडलिनी योग:-

कुंडली योग में हम अनेक क्रियाएं करते हुए। कुंडलिनी के सातों चक्रों जैसे –  मूलाधार चक्र, स्वाधिष्ठान चक्र, मणिपुर चक्र,  अनाहत चक्र, विशुद्ध चक्र, आज्ञा चक्र और सहस्रार चक्र को जागृत करते हैं। अंत में मूलाधार की शक्ति का मिलन सहस्रार के शिव से हो जाता है।

इसको किसी योग्य गुरु के सानिध्य में ही करना चाहिए। यह क्रिया बहुत ही कठिन व दुर्लभ है। इस क्रिया को बहुत ही संभाल कर रखना चाहिए।

हठयोग:-

बलपूर्वक शिव और शक्ति को एक करना या जोड़ना हठयोग है। हठयोगी एक बालक की तरह होता है जो अंदर से बिल्कुल बच्चे की तरह कोमल होता है और बाहर से बहुत ही हटी व कठोर दिखाई देता है। हठयोगी तरह-तरह की कठिन व  असंभव प्रतीत होने वाली क्रियाएं करता है।

हठयोग का अभ्यास पढ़कर या सुनकर नहीं करना चाहिए। यह आपको मुसीबत में भी डाल सकता है। हठयोग का अभ्यास हमेशा किसी की देखरेख में करना चाहिए या जिसको हठयोग का पूर्ण क्रियात्मक ज्ञान व अभ्यास हो, उसी के सानिध्य में करना चाहिए । 

भक्ति योग:-

भक्त का भगवान में भक्ति के माध्यम से मिलन या जुड़ाव भक्ति योग कहलाता है। यह योग कि बिल्कुल ही आसान विधि है। योग की इस विधि में किसी क्रिया या आसन इत्यादि की आवश्यकता नहीं होती। योग की इस विधि को किसी भी समय किया जा सकता है।

इसमें किसी भी प्रकार का कोई बंधन नहीं होता। भक्त के मन में भगवान के प्रति जब भी भाव जाग जाए उसी समय में भक्ति करने लगता है। यह प्रत्येक व्यक्ति में जन्म से ही मौजूद होती है। आपने देखा होगा कि जब हम किसी सत्संग या चौकी में जाते हैं तो हमारा मन अपने आप ही भावातीत हो जाता है।

ज्ञानयोग:-

 इस विधि में हम ज्ञान के माध्यम से योग को प्राप्त करते हैं । इसमें हम ज्ञान के माध्यम से अपने अंदर एक समझ पैदा करते हैं। इसी कारण हमारे अंदर प्रत्येक चीज के प्रति एक की समझ पैदा होती है और हम इस संसार की चीजों में नहीं फंसते।

योग किस विधि में हमें कोई विशेष मुद्रा या आसान नहीं करना होता। यह बिल्कुल आसान है, परंतु इसको केवल एक जागृत (अंदर से जागा हुआ व्यक्ति) व्यक्ति ही करवा सकता है । 

ध्यान योग:-

ध्यान के माध्यम से योग को प्राप्त करना ध्यान योग है। इस विधि में हम अनेक क्रियाओं के माध्यम से ध्यान करते हैं। और अपने जागृत मन व अर्द्ध जाग्रत मन को एक करते हैं। हम ध्यान करने के लिए श्वास- प्रश्वास की विधि का प्रयोग करते हैं। इस विधि में हम अपना पूरा का पूरा ध्यान अपनी श्वासों पर एकाग्र करते हुए ध्यान करते हैं ।

शक्तिपात के माध्यम से :- 

 शक्तिपात के माध्यम से भी ध्यान को प्राप्त किया जा सकता है। यह तकनीक बहुत ही गोपनीय होती है । यह उन लोगों के लिए बहुत ही कारगर है जो लोग सालों की महनत के बाद भी योग या ध्यान हो प्राप्त नहीं हो पाए । 

 कर्म योग:-

कर्म के माध्यम से योग को प्राप्त करना ही कर्म योग है। जब हम कोई कर्म करते हैं तो हम ये सोचते हैं कि इसे जल्दी से जल्दी पूरा करो और फ्री हो जाओ। हमारे माइंड में तरह-तरह के विचार आते हैं। इसी कारण हम कार्य को पूर्ण रूप से नहीं कर पाते।

कर्म योग योग कि वह विधि है जिसमें हम कर्म करते हुए कर्म में इतने तल्लीन हो जाते हैं कि हमें अपना भी भान नहीं रहता। हमारा पूरा फोकस केवल और केवल कर्म पर ही हो जाता है। जोकि योग का अंतिम मकसद भी है । जब हम कोई भी कर्म करें और उसमें पूरी तरह से तल्लीन हो जाएं तो समझना चाहिए की यह योग की अंतिम स्थिति है । 

लययोग या  ज्ञान योग:-

नाद की ध्वनि हमारे अंदर भी होती है और बाहर भी होती है । इस विधि में हम अपना पूरा का पूरा ध्यान नाद की ध्वनि पर लगाते हैं । धीरे-धीरे हमारा पूरा का पूरा ध्यान इस नाद की ध्वनि की तरफ लगने लग जाता है ।  

नाद की ध्वनि इतनी शक्तिशाली होती है जिसके कारण हमारे अंदर के सभी चक्र जागृत हो जाते हैं। ऐसे व्यक्ति व्यक्ति के अंदर गहरी शांति होती है और चहरे पर बहुत तेज होता है । इसके लगातार अभ्यास के द्वारा अभ्यासी व्यक्ति अपने परम लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है।

FAQ Related to What are the Best Yoga Techniques for Beginners:-

योग करने का उदेश्य क्या है? (What is The Purpose Of Doing Yoga?)

आज का मनुष्य अपने आपको इतना दीन, हीन, दुखी और परेशान महसूस कर रहा है । इसके पीछे कारण है कि मनुष्य ने अपने जागृत और अर्द्धजागृत मन को, अपने आंतरिक और बाह्य मन को अलग अलग कर लिया है । यही मनुष्य के दुखों और परेशानियों का सबसे बड़ा कारण है। 
इसी कारण मनुष्य सोचता कुछ है करता कुछ है चाहता कुछ है होता कुछ और है । योग करने का उदेश्य शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हुए जीवन को पूर्ण आनंद के साथ जीना है । योग के बिना जीवन को पूर्ण आनंद के साथ नहीं जिया जा सकता ।   
जब हम योग करते हैं तो हमारी ज्ञान शक्ति और क्रिया शक्ति एक हो जाती और हमारे सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं । हमारा औरा (Aura Strong) अपने आप ही मजबूत हो जाता है । हमारी रोग प्रतिरोग क्षमता अपने आप अच्छी हो जाती है । जब हम शारीरिक रूप से स्वस्थ होते हैं तो मानसिक रूप से अपने आप ही स्वस्थ हो जाते हैं और जब हम शारीरिक व मानसिक रूप से पूर्णत स्वस्थ होंगे तभी तो जीवन को आनंद के साथ जी पाएंगे । यही जीवन का मुख्य उदेश्य है । 

मैं घर पर योग करना कैसे शुरू करूँ ? (How Do I Start Doing Yoga at Home?)

सबसे पहले अपने अनुसार एक सही विधि का चयन करें । फिर अपने लिए एक योग शिक्षक के मार्गदर्शन में योग करना प्रारम्भ करें । योग करने के लिए ढीले कपड़े पहने । रात्री को सोने से पहले हल्का भोजन करें ।

What is Yoga in Hindi?  

सबसे पहले हम योग का मतलब जानेंगे । योग का मतलब है जुड़ना या मिलन। जागृत और अर्द्धजागृत मन को जोड़ना,  आंतरिक जगत और बाह्य जगत को जोड़ना, प्रकृति और पुरुष का मिलन, भक्त और भगवान का मिलन,  इड़ा, पिंगला और सुषुम्ना का मिलन, मूलाधार से सहस्रार मिलन, आत्मा को परमात्मा से जोड़ना, राधा और कृष्ण का मिलन, स्त्री और पुरुष का मिलन योग है।
योग की परिभाषा बिल्कुल आसान व सरल है । योग का अर्थ केवल और केवल जोड़ना है। इस जोड़ने की क्रिया को योग कहते हैं । योग कुछ मुद्रा या आसन का नाम नहीं है। जितनी भी क्रियाओं से जागृत जागृत मन को जोड़ा जा सके वह सब क्रियाएं योग हैं। हम ने योग को केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ होने के रूप में ही समझ लिया है बल्कि योग तो पूर्ण रूप से बदलाव भी किया है, पूर्ण बनने की क्रिया है।  

Final Words For What are the Best Yoga Techniques for Beginners in Hindi:-

मैं आशा करता हूँ कि हमारा यह आर्टिक्ल What are the Best Yoga Techniques for Beginners in Hindi आपको पसंद आया होगा ।

Leave a Comment