नागीन और नेवली की Hindi Kahani | Best Motivational Hindi Kahani With Moral

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नागीन और नेवली की Hindi Kahani
नागीन और नेवली की Hindi Kahani

नागीन और नेवली की Hindi Kahani:- यह कहानी दो ऐसी औरतो की हैं जो दोनों ही जहरीली हैं, एक जहर फैंकती हैं तो दुसरी जहर को काटती हैं लेकिन भगवान की नजर में दोनो ही बराबर हैं । फिर भी भगवान उन दोनो को अलग अलग आशिर्वाद देता हैं । एक घर को नष्ट करने का काम करती हैं तो दूसरी अपने घर को बचाने का काम करती हैं ।

बहुत समय पहले से ही चली आ रही प्रथा हैं जिसमें बताया गया हैं कि साँप और नेवला, कभी भी दोस्त नहीं बन सकते हैं । यह सच हैं और न ही कभी भी बनेंगे, दोनों में बहुत गहरी दुशमनी हैं । इस रहस्य को सिर्फ भगवान भोले नाथ ही जानते हैं ।

जब भी दोनो का सामना होता हैं तो दोनो में लड़ाई होती हैं, लेकिन जीत हमेशा नेवले की होती हैं । बताया जाता हैं कि साँप में जहर ज्यादा होता हैं अगर किसी को काट ले तो वह मर भी जाता हैं और बच भी जाता हैं । लेकिन जब साँप और नेवले की लड़ाई होती हैं तो नेवले को क्यों नहीं काट पाता हमेशा नेवला ही क्यों जीत जाता हैं ये रहस्य भी भगवान भोले नाथ ही जानते हैं ।

नागीन और नेवली की Hindi Kahani 

 Best Motivational Hindi Kahani With Moral

इस रहस्य को कोई नहीं जान पाया या यों कहिये के किसी ने भी इसे जानने की कोशिश नहीं की । क्योँकि इन्सान दोनों से डरता हैं कहते हैं ना कि साँप को कितना भी दूध पिलाओ तो हमेशा जहर ही उगलता हैं । लेकिन फिर भगवान भोले नाथ ने इसे अपने गले में पहना हुआ हैं ।

एक बार की बात हैं एक दो मुँह वाली नागीन होती हैं जौ दोनो हि तरफ से काटती है वह हमेशा दूसरों को नष्ट करने पर रहती हैं । एक बार उसने किसी के पति को देखा वो उसे हर रोज देखती कि कब मुझे मौका मिले तो इसे मैं काटु और इसका घर बर्बाद करूँ । इसके बीवी बच्चों को रोता बिलखता देखूँ तो मुझे चैन आ जाऐ ।

उसने वैसा ही किया जैसा वह चाहती थी । दुसरी अपने पति की यह हालत देख कर बहुत दुःखी हुई बच्चे भी रोते रहे । इन सबकी दुर्दशा देख कर बड़ी परेशान हुई मैं कहाँ जाऊँ क्या करूँ कुछ समझ नही आ रहा था ।

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तभी उसने एक महात्मा को आते देखा महात्मा को आते देख वह खड़ी हो गई और रोने लगी । मैं बहुत दुःखी हूँ मेरे पति को एक ऐसी दो मुहि नागिन ने काट लिया । मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा हैं मैं क्या करूँ कहाँ जाऊँ मेरा मार्ग दर्शन कीजिए ।

महात्मा जी उस औरत की बात सुन कर चकित (हैरान) हो गये और बोले दुःखी मत हो बेटा । मैं तुम्हारी समस्या का समाधान ढुँढता हूँ । मुझे अपने पति के पास लेकर चलो ।

वह औरत महत्मा जी को अपने पति के पास लेकर जाती हैं । और अपने पति को ठीक करने का अग्रह करती हैं । महात्मा जी आसन ग्रहण करते हैं और एक कहानी सुनाते हैं ।

उस कहानी में उस दो मुँह वाली नागीन का सच बताते हैं ।

दो मुँह वाली नागीन जो होती हैं वह खाती भी मुँह से हैं और मल भी मुँह से ही निकालती हैं । वह तो अपने बुरे कर्मो का फल भोग रही हैं । जो उसने अपने पिछले छः जन्मों में किया हैं और इस जन्म में भी बुरा ही कर रही हैं ।

कहते हैं कि जो इन्सान किसी दुसरे इन्सान का बुरा करता हैं या कोई और पाप करता हैं । तो उसके कर्मो की सजा उसे सात जन्म तक भोगनी पड़ती हैं । 86 जूनी से गुजरना पड़ता हैं छियासी मी जूनी सर्प की होती हैं । जो पेट के बल पर चलता हैं और उसके अन्दर जहर ही जहर होता हैं ।

जब वह जहर उसके अन्दर उबाला मारता हैं । तो वह बेबस हो जाता हैं । और किसी को भी काट लेता हैं ।

औरत        वह औरत कहती हैं ! महात्मा जी पर साँप नेवले से क्यों हार जाता हैं ?

महात्मा जी   महात्मा जी कहते हैं ! बेटा जब नेवला अपने बिल से बाहर निकलता हैं तो वह एक ऐसी जड़ी बूटी खाकर निकलता हैं जिससे उसकी ताकत दोगुनी हो जाती हैं । और जहर का भी असर नहीं होता हैं । इसलिए साँप उसके सामने कमजोर पड़़ जाता हैं । और नेवला उसे मार देता हैं ।

औरत        वह कहती हैं ! महात्मा जी मैंने सुना हैं कि नेवले को वरदान मिला हुआ हैं ।

महात्मा जी   नहीं बेटा उसे नहीं मिला हुआ हैं । बल्कि साँप की उम्र पूरी हो चूकी होती हैं । उसकी छियासी मी जूनी पूरी हो चूकी होती हैं । उसे उसके कर्मो की सजा मिल चूकी हैं । गरूड़ पुराण के अनुसार उसके छियासी जन्म पुरे हो चूके हैं । ये उसका छियासी मा जम था हिसे उसने जिया हैं । उसका समय अन्त के समीप था । इसलिये उसने उसे मृत्यु दी हैं । जन्म और मृत्यु का समय तो स्वयं भगवन तय करता हैं । नेवले का तो नाम होता हैं मारता तो भगवान हैं ।

औरत        महात्मा जी, वह सच मुच की नागिन नहीं हैं वह तो एक औरत हैं । जिसने मेरे पति को वश में किया हुआ हैं । मेरे पति को मेरे और मेरे बच्चों से दूर कर रही हैं । मेरे घर को बर्बाद कर रही हैं । मुझे समझ नहीं आ रहा था मैं क्या करूँ ? कहाँ जाऊँ ? अपने घर को कैसे बचाऊँ उस औरत से ? जब मैंने आपको आते हुए देखा तो मुझसे रहा नहीं गया । और मैं अपके सामने फूट फूट कर रो पड़ी । मैं अपने घर को कैसे बचाऊँ ? महात्मा जी !

महात्मा जी   बेटा कभी कभी औरत भी नागीन का ही रूप धारण कर लेती हैं । और दुसरी औरत का घर खराब कर देती हैं । ऐसा माना जाता हैं कि जो भी पति पत्नी को एक दुसरे से अलग करता हैं । वह इन्सान सबसे बड़ा पापी होता हैं । गरूड़ पुराण के अनुसार सबसे बड़ा पापी बन जाता हैं उसकी सजा उसे सात जन्म तक भोगनी पड़ती हैं । जिस जोड़े को स्वयं भगवान ने बनाया हो और कोई इन्सान उसे अलग कर दे इससे बड़ा पापी कौन होगा ?

औरत        महात्मा जी मैं अपने पति और घर को कैसे बचाऊँ कोई तो समाधान बताइए ।

महात्मा जी   बेटा सुबह शाम भगवान का नाम लो और दिन में काम करो भगवान का नाम लेने से तुम्हारी सारी परेशानी दूर हो जायेगी । भगवान पर भरोसा रखो । सावित्री तो अपने पति के प्राण भगवान से वापस ले आई थी ये तो फिर भी एक औरत हैं ।

औरत        ठीक हैं ! महात्मा जी जैसा आप बोलोगे मैं वैसा करूँगी !

उस औरत ने वैसा ही किया जैसे महात्मा जी ने बोला था । वह सुबह शाम भगवान का नाम लेती और दिन में घर के लिए काम करती । कुछ दिन बाद उसका पति उसके पास वापस आ गया ।

FAQs Related to नागीन और नेवली की Hindi Kahani

यह कहानी किसके आधार पर लिखी गई हैं ?

यह कहानी दो औरतो के आधार पर लिखी गई हैं ।

इस कहानी में लेखिका ने उन दो औरतो को किसका रूप दिया हैं ?

इस कहानी में लेखिका ने उन दो औरतो को नागीन और नेवली का रुप दिया हैं ।

औरत ने रास्ते में आते किसको देखा और क्यों फूट फूट कर रोई ?

औरत ने रास्ते में आते एक महात्मा जी को देखा और फूट फूट कर रोने लगी मेरे पति को एक नागिन ने डस लिया कृपा करके मेरे पति को बचा लिजिए ।

महात्मा जी ने उस औरत को क्या करने को कहा था ?

महात्मा जी ने उस औरत को सुबह शाम भगवान का नाम लेने को कहा था ।

इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती हैं ?

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती हैं कि हमें किसी का बुरा नहीं करना चाहिए ।

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Final Words:-

हम आशा करते हैं कि आप सभी को हमारा यह आर्टिक्ल ‘नागीन और नेवली की Hindi Kahani’ आया होगा । इस आर्टिक्ल को पढ़ने के लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद ।

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