Majdoor Divas Nibandh Hindi Mein | मजदूर दिवस निबंध हिन्दी में

इस आर्टिकल ‘Majdoor Divas Nibandh Hindi Mein’ में आपको जानकारी मिलेगी – Bharat mein Majdur divas kab aur kyon manaya jata hai, मजदूर दिवस प्रस्ताव हिन्दी में, मजदूर दिवस का महत्व के विषय में ।

How to write an essay on Labour Day in Hindi

अपने भारत में मजदूर दिवस 1 मई को मनाया जाता हैं। दुनियाँ भर के कारिगर अपने हक के लिए आवाज उठाते हैं। और सरकार से गुहार लगाते हैं। मई 1989 से इसकी शुरूआत हुई। अमेरिका की एक घटना हैं वहाँ के मजदूरो ने कहा की वे 8 घंटे ही काम करेंगे।

How to write an essay on Labour Day in Hindi
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शिकागो के एक शहर में कई मजदूरो की मौत हो गई। दुनियाँ भर के मजदूर लोग जीवित रहने के लिए कडा परिश्रम करते हैं। यह दिन उनकी मेहनत और दृढ निश्चय को मनाने के लिए समर्पित किया जाता हैं। पूरे देश में 1 मई को मजदूर दिवस के रूप में चिन्हित किया गया हैं। मजदूर वर्ग की कडी मेहनत और उनकी उपल्ब्धियो के उपल्क्ष में यह दिवस विभिन्न देशो में अलग अलग तारीख को मनाया जाता हैं। जिसको अंतराष्ट्रीय मजदूर दिवस भी कहा जाता हैं।

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Bhartiya Majdoor Divas Nibandh Hindi Mein – पहले के समय में मजदूरो की हालत बहुत खराब होती थी। उनको बहुत कडी मेहनत करनी पडती थी। उनको 15 घंटे काम करना पडता था। उनको कई प्रकार के खतरो का सामना करना पडता था। कई बार तो मजदूरो की काम करते समय मौत भी हो जाती थी।

उनको इतनी कडी मेहनत के बाद भी कम मजदूरी मिलती थी। इतनी मेहनत करने के बाद कई बार उनका स्वास्थ्य भी बिगड जाता था। समस्याओ की बढती हुई संख्या से निजात पाने व इन समस्याओ को ठीक करने के लिए मजदूरो ने अपनी आवाज को उठाया। मजदूर संघो का गठन हुआ।

Majdoor Divas Nibandh Hindi Mein
Majdoor Divas Nibandh Hindi Mein

जो की कुछ समय के लिए अपने अधिकारो के लिये लडे। इसके बाद मजदूर लोगो को 8 घंटे काम करने का समय तय किया गया। इसे आंदोलन के रूप में भी जाना जाता हैं। इस आंदोलन के अनुसार यह तय हुआ कि एक व्यक्ति केवल 8 घंटे ही काम कर सकता हैं। प्रत्येक व्यक्ति को मनोरंजन के लिए 8 घंटे और आराम के लिए 8 घंटे का समय मिलना चाहिए।

इस आंदोलन को श्रम दिवस कहा जाता हैं। मजदूर दिवस का इतिहास और मूल अलग अलग देशो में अलग हैं। इसके पीछे का कारण एक समान हैं। यह श्रम पूरे देश के क्षेत्र को अनुचित व्यवहार हैं। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण भी हैं। देश की बुनियाद के विकास के प्रति बहुत अधिक लोग योगदान देने वाले मजदूरो के साथ खराब व्यवहार करते हैं। दुनियाँ के विभिन्न हिस्सो में इसके खिलाफ कई आंदोलन हुए।

मजदूर दिवस प्रस्ताव हिन्दी में

भारत में मजदूर दिवस इतिहास और उत्पति – भारत में पहली बार मजदूर दिवस को 1 मई 1923 को मनाया गया। यह उत्सव भारतीय श्रमिक किसान पार्टी ओफ हिन्दुस्तान द्वारा मद्रास में आयोजित किया गया था।

इस दिन कोमरेड सिंगाखेलियर ने राज्य में विभिन्न स्थानो पर बैठक आयोजित की। इसमे से एक का आयोजन ट्रलीकलान पुल पर भी किया गया। तथा दूसरा मद्रास हाईकोर्ट के समीप समुद्र तट पर व्यवस्थित किया गया। उन्होने एक संकल्प कर के कहाँ के सरकार को इस दिन राष्ट्रिय अवकाश की घोषणा करनी चाहिए।

भारत में मजदूर दिवस का महत्व

भारत देश में यह दिवस श्रमिको के लिए उत्सव का दिन होता हैं। इस दिन मजदूर लोग नारे लगाते हैं। अपने खिलाफ हुए अन्याय को रोकने के लिए अपनी आवाज उठाते हैं। तथा अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ विरोध का प्रदर्शन करते हैं। जिससे वे दिखाते हैं कि मजदूर युनियन एक जुट हैं। श्रमिको में एकता को बढावा देने के लिए नेता भी भाषण देते हैं।

मजदूर लोग भी मनोरंजन का संचालन आयोजित करते हैं। मजदूर लोगो भी अपने अधिकारो के लिए परेड निकालते हैं। बहुत परिश्रम के बाद ही उनको उनका अधिकार दिया गया हैं। मजदूरो द्वारा की गई उनकी मेहनत का सम्मान देने के लिए यह मजदूर दिवस मनाया जाता हैं।

उन्होने इस दिवस के लिए अपने जीवन में कडी मेहनत की। जिससे इस दिन का उनके जीवन में बडा महत्व होता हैं। इस दिन नेता तथा मजदूरो द्वारा एक साथ समय बिताने के लिए भाषण दिया जाता हैं। मजदूरो के बिना किसी भी कारखाने के ढाँचे को खडा नही किया जा सकता। जो बच्चे बाल मजदूरी करते हैं। ट्रैफिको पर खडे होते हैं उनका कभी भी मानसिक, शारिरीक और बौधिक विकास नही हो पाता।

बाल श्रम की समस्या के कारण बच्चो को अपने भविष्य व अपने अधिकारो का पता नही होता। वे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। और बच्चे भी बाल श्रम का शिकार हो जाते हैं। देश में बहुत से ऐसे गरीब लोग हैं जो अपने बच्चो को अच्छी शिक्ष नही दे पाते हैं। और अपनी अर्थिक स्थिती को सही करने के लिए अपने बच्चो से काम करवाते हैं।

कई ऐसे कडे कानून बनाए गए हैं जिसके बावजूद भी कल कारखानो, होटल, दूकानो, चूडी बाजार आदि में दिन रात बच्चो से कार्य कराया जाता हैं। इन मासूमो का बचपन छीन लिया जाता हैं।

बाल श्रमिक की समस्या का समाधान तभी होगा जब हम सब मिलकर अधिक बच्चो को समझाएँगे और उन्हे अपने अधिकारो से अवगत कराएँगे। इसलिए हमे मजदूरो के हितो के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए। व बाल मजदूरो को और श्रमिको को नाटक के द्वारा व मिडिया के द्वारा जागरूक कर सके। भिक्षावृति, बाल मजदूरी के खिलाफ खडे हो सके।

Final Words for Majdoor Divas Nibandh Hindi Mein

भारत देश में यह दिवस 1 मई को मनाया जाता हैं। इस दिवस पर मजदूरो को अवकाश दिया जाता हैं। यह दिवस अलग अलग देशो में विभिन्न प्रकार से मनाया जाता हैं। मजदूरो ने अपनी कडी मेहनत के द्वारा अपने अधिकारो को प्राप्त किया हैं। तथा उनको 15 घंटे काम करने के बजाए अब 8 घंटे काम करने का फैसला किया गया।

और मजदूरो के खिलाफ हुए अत्याचारो को बंद किया गया। जिससे मजदूर अपने अधिकारो व अच्छे वेतन को प्राप्त करके अपना जीवन अच्छे से व्यतित करने लगे। और मजदूरो के खिलाफ भ्रष्टाचार को खत्म किया गया। आज के दौर में मजदूर अपने अधिकारो को पा कर बहुत खुश रहते हैं। इसलिए यह मजदूर दिवस मजदूरो के अधिकार में पूरे देश में मनाया जाता हैं।

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