इस article how to do out of Body experience के माध्यम से आज हम आप लोगों को बताने का प्रयास करेंगे कि कैसे आप Out Of Body Experience को अंजाम दे सकते हैं । हम आप लोगों को बताएंगे की कैसे out of Body Experience किया जा सकता है और स्वयं को शरीर से बाहर निकाला जा सकता है।
स्वयं को शरीर से बाहर निकालने (Out of Body Experience) का आशय है कि हम कैसे अपने मस्तिष्क को चेतन अवस्था में लाए, स्वयं को जानने का प्रयास करें कि वास्तव में हमें क्या चाहिए? माना जाता है कि जब हम स्वयं को जानने की कोशीश करते हैं तो बहुत गहराई में चले जाते हैं और ऐसा प्रतीत होता है जैसे हम संपूर्ण ब्रह्मांड को घूमकर देखने में सक्षम है।
क्या आप सच में गहराई में जाकर स्वयं को शरीर से बाहर निकालकर (Out of Body Experience) सच्चाई को देखना चाहते हैं हम बोल सकते हैं कि हमारा शरीर और हमारी आत्मा अलग अलग है और उस आत्मा को ही चेतन अवस्था में लाकर सब कुछ समझने का प्रयास करना बहुत जरूरी है जैसा की एक उदाहरण से स्पष्ट किया जा सकता है ।
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कल्पना कीजिए कि आप कोई अकेले में शांत स्थान पर छोड़ दिया जाए और आपको कल्पना करने के लिए कहा जाए कि आप ऐसी कल्पना कीजिए कि आप जहाँ हैं वहाँ अंधेरा है और वहाँ से कोई सांप आपकी ओर आ रहा है आप उससे डर रहे हैं और आपको उससे बचने का रास्ता खोजना है बस तभी आपके अंदर कंपन होगा और आपका मन मस्तिष्क शरीर से बाहर निकलकर चेतन अवस्था में आ जाएगा और आपकी कल्पना शक्ति समाप्त हो जाएगी और आप वास्तविकता से परिचित हो जाएंगे ।
Table of Contents
Out of Body Experience in Hindi
स्वयं को शरीर से बाहर निकालना
1. स्वयं को शरीर से बाहर निकालना क्यों आवश्यक है?
2. स्वयं को शरीर से बाहर कैसे निकाला जा सकता है?
3. स्वयं को शरीर से बाहर निकालने के बाद वास्तविक अनुभव।
- स्वयं को शरीर से बाहर निकालना क्यों आवश्यक है? (Importance of Out of Body Experience)
स्वयं को शरीर से बाहर निकालना इसलिए आवश्यक है क्योंकि हमारा शरीर स्वप्न देखता है और यह शरीर जब जागता है तो कल्पना करने की क्षमता रखता है और इससे ही हमारे मस्तिष्क का जुड़ाव है जिसका केंद्र है पीनियल ग्रंथि।
शरीर स्वप्न अवस्था में होता है,जबकि मस्तिष्क चेतन अवस्था में होता है जब हमारा शरीर कार्य करता है अथार्त सपनों की दुनिया में खोया रहता है तो हमारा मस्तिष्क चेतन अवस्था में नहीं आ सकता मस्तिष्क को चेतन अवस्था में लाने के लिए स्वयं को शरीर से बाहर लाना आवश्यक है और वास्तविकता से मस्तिष्क का परिचय कराना आवश्यक है। सूक्ष्म शरीर पर ध्यान न देकर मस्तिष्क की चेतन अवस्था पर ध्यान केन्द्रित करना आवश्यक है।
2. स्वयं को शरीर से बाहर निकालने के तरीके (Ways to expel yourself from the body)
1. ध्यान केंद्रित – जब आप स्वयं को चेतन अवस्था में लाना चाहते हैं तो आपको स्वप्न की दुनिया से बाहर निकलकर अपने लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित करना होगा आपको प्रतिदिन उस लक्ष्य को लेकर गहराई में मनन करना होगा और स्वयं को समझना होगा कि मुझे मेरे लक्ष्य को पूरा करना है और इसके लिए मुझे जो भी करना पड़े वो मैं करूँगा ।
2. योगा – स्वयं को शरीर से बाहर निकालने के लिए योगा बहुत महत्वपूर्ण उपाय है आप सुबह के समय में बैठकर गहरी सांस लीजिए और मन ही मन ओम का उच्चारण कीजिए और उच्चारण इस तरीके से कीजिए कि आपको शरीर में कम्पन्न का अनुभव हो और मूल रूप से आप अपने मस्तिष्क की गहराई में चले जाएं और यह चिंतन करें कि आप अपने सूक्ष्म शरीर की संपूर्ण ऊर्जा को अपनी आत्मा में केंद्रित कर रहे हैं। तभी आप स्वयं को शरीर से बाहर निकालने के प्रयास में सफल रहेंगे ।
3.जागृत जीवनशैली अपनाएं – इसके लिए आपको जीवन के वास्तविक भाव को समझना होगा, यंत्रवत जीवन को छोड़कर जाग्रत अवस्था को अपनाना चाहिए, जब आप वास्तविकता को समझने लगते है तो आपका सूक्ष्म शरीर ज्यादा सक्रिय हो जाता है आप किसी भी कार्य जैसे चलना फिरना गाना खाना खाते समय स्वयं को सक्रिय रख सकते हैं! जैसे आप किसी काल्पनिक दृश्य को देखकर रोने लगते हैं या भावुक होने लगते हैं तो आप अभी स्वयं को शरीर से अलग करने में सक्षम नहीं हुए है।
जब आप उस काल्पनिक दृश्य की वास्तविकता को समझेंगे और आपके मन मस्तिष्क में कोई भाव उत्पन्न नहीं होंगे तब आप समझ सकते हैं कि आप स्वयं को शरीर से बाहर निकालने में सक्षम हो रहे हैं ।
4. ज्ञान योग – स्वयं को एक शरीर मानना छोड़ दीजिए , स्वयं को एक आत्मा मानना चाहिए धीरे – धीरे आपको जब आत्मा का ज्ञान होने लगेगा तो आपको प्रतीत होगा कि सूक्ष्म शरीर का होना एकमात्र साधन है मूल कार्य तो आत्मा करती है तब आपको सूक्ष्म शरीर का वास्तविक ज्ञान प्राप्त होगा।
5. शरीर से बाहर विचरण – यदि आप मन से चाहते हैं कि आप स्वयं को शरीर से बाहर निकाले तो आपको सबसे पहले अपना ध्यान केंद्रित करना होगा और इसके लिए आपको कोई कारण नहीं चाहिए बल्कि आपको आपकी भावनाओं को जगाना चाहिए ।
यदि ऐसा आप करना चाहते हो तो आपको बस यही सोचना चाहिए की आपको इससे कोई अच्छा अनुभव मिलेगा संत आपको स्वयं को शरीर से बाहर निकालना है तो ये जानना जरूरी है कि आप यह क्यों कर रहे हैं आप अपनी भावनाओं पर ध्यान दें तन मन का तालमेल बैठाएं इसके लिए आपको मस्तिष्क को चेतन अवस्था में लाना आवश्यक है और ये सब ध्यान केंद्रित करने से ही संभव है।
6. मेडिटेशन म्यूज़िक – आपकी एकाग्रता को लाने में मेडिटेशन म्यूज़िक बहुत सहायता करता है ह्यूमन साइकोलॉजी के अनुसार हमारा मस्तिष्क तीन प्रकार की तरंगों से जुड़ा है और यह तरंगें अल्फा बीटा डेल्टा है ये तरंगें दिनभर में जो भी गतिविधि होती हैं उनके लिए जिम्मेदार होती हैं । एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि आप अपने आसपास के वातावरण को अपने अनुकूल बनाए रखेंगे तो आप काल्पनिक दुनिया में न रहकर स्वयं को वास्तविक दुनिया में महसूस करेंगे और स्वयं को चेतन अवस्था में पाएंगे।
3. स्वयं को शरीर से बाहर निकालने का वास्तविक अनुभव (The real experience of taking oneself out of the body)–
जब आप स्वयं को शरीर से बाहर निकालने (Out of Body Experience) में सक्षम हो जाती है अर्थात स्वयं को चेतन अवस्था में ले जाते हैं तो आप अनुभव करेंगे कि भंडर चिंता खुशी सब एकमात्र साधन है आप अपने मस्तिष्क को वह सभी इंद्रियों को अपने अनुसार चलाने में सक्षम हो जाएंगे आपका मस्तिष्क शांत रहेगा संपूर्ण ऊर्जा को एकत्रित कर स्वयं को समझने में सफल रहेंगे।
FAQs
Is Out of the body safe? ( क्या out of the body safe है?)
जी हां यदि यह क्रिया किसी एक्सपर्ट की देखरेख में की जाए तो यह बिल्कुल Safe हुआ करती है । पर कुछ लोग इसे अपने बिना Experience के ही करने चल पड़ते हैं ।तो इसीलिए उन्हें इसके दुष्प्रभाव देखने को मिलते है।
How it Feels when You Experience Out Of Body?( जब आप आउट of Body Experience करते हैं तो कैसा लगता है?)
जब भी हम Out Of Body Experience करते हैं तो हमें इस प्रकार लगा करता है कि जैसे हम कोई धुंधले सपने में हो और हमारा दिमाग तो चल रहा होता है पर हमारा शरीर सो गया होता है तो कुछ किसी प्रकार का Experience हुआ करता है Out Of Body Experience में ।
Final words:–
स्वयं को शरीर से बाहर निकालने (Out of Body Experience) के लिए अपने मन मस्तिष्क को चेतन अवस्था में लाकर सूक्ष्म शरीर को अलग समझकर और ध्यान केंद्रित कर वास्तविक ऊर्जा को एकत्रित कर काल्पनिक दृश्यों को बाहर निकालकर स्वयं को समझने का प्रयास करना आवश्यक है तभी वास्तविक ज्ञान प्राप्त होता है सम्पूर्ण ऊर्जा आपकी आत्मा में एकत्रित हो जाती है और सूक्ष्म शरीर को छोड़ देती है और आपको वास्तविक ज्ञान की प्राप्ति होने लगती है।
हम आशा करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिक्ल ‘Out of Body Experience in Hindi’ पसंद आया होगा ।