Alasya Manushya Ka Shatru Nibandh | आलस्य मनुष्य का शत्रु निबंध

इस आर्टिकल आलस्य मनुष्य का शत्रु निबंध (Alasya Manushya Ka Shatru Nibandh) में बताया गया है – हिन्दी में आलस्य मनुष्य का शत्रु निबंध कैसे लिखें 500 शब्दों में ।

आलस्य मनुष्य का सबसे बडा शत्रु हैं। आलस्य एक ऐसी बुरी आदत हैं जो मनुष्य को काम करने की इजाजत नही देती हैं। अर्थात मनुष्य कोई भी कार्य नही करना चाहता हैं। उसे कोई भी काम करना अच्छा नही लगता हैं। वह सिर्फ आराम करने की सोचता हैं। आलस्य मनुष्य को दूसरे गलत मार्ग पर ले जाता हैं।

आलसी मनुष्य को अपने काम के स्थान से उठने में भी कठिनाई होती हैं। व्यापारी आलस के कारण खरीदारी करने वाले को अपना माल समय पर भी नही पहुँचा पाता। आलस के कारण आलसी मनुष्य अपना स्वास्थ्य खराब कर लेता हैं। बिना लक्ष्य के जीवन कुछ भी नही हैं। जिस मनुष्य के जीवन में कोई लक्ष्य नही होता। वह मनुष्य किसी काम का नही होता हैं। वह अपने जीवन को खुद ही बर्बाद करता हैं। आलसी मनुष्य को मेहनत का महत्व नही आता हैं।

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आलस के कारण:    आलस्य ही मनुष्य का सबसे बडा दुशमन हैं। जो कि मनुष्य को कोई भी काम नही करने देता हैं। आलस के कारण हम अपने सभी कार्य को छोड देते हैं। और किसी भी काम की इच्छा नही होती। आलसी व्यक्ति अपने शरीर को खराब कर लेता हैं। वह समय पर उठ नही पाता। और उसके कार्य छूट जाते हैं।

देखने में आलस्य इतना हानिकारक नही होता। परन्तु गंभीरता से विचार करने पर पता चलता हैं कि यह मनुष्य के शरीर में बैठा हुआ एक शत्रु हैं। ऐसा लगता हैं जैसे जीवन तो मिला हैं पर हम उसका उपयोग नही कर पा रहे हैं। हमे ईशवर के अवसर का लाभ उठाना नही आता। आलसी व्यक्ति को अपने लिए भी सामान जुटाना बोझ लगता हैं। यदि उसे लज्जापूर्ण जीवन यापन करना पडता हैं। जो आलसी नही होते वे अपनी स्थिति को ज्यो की त्यो अपनाते हैं। तथा वे चीजो को अपने अनुकूल बना लेते हैं। कर्म करने वाला व्यक्ति आलस से दूर भागता हैं।

Alasya Manushya Ka Shatru Nibandh
Alasya Manushya Ka Shatru Nibandh

हर समस्या के आनए वाले मार्ग को बंद करने की शक्ति रखता हैं। आलस स्वास्थ्य के साथ साथ मन को भी खराब कर देता हैं। अगर आलसी मनुष्य आलसी लोगो के साथ रहेगा तो वह भी आलसी हो जाता हैं। अगर मनुष्य उर्जावान लोगो की संगति में रहता हैं। तो वह वैसा ही हो जाता हैं। मनुष्य के जीवन पर आलस हावी हो जाता हैं। जिसके जीवन में कोई लक्ष्य नही हैं। तो उसके जीवन से आलस जा ही नही सकता।

जिसके जीवन में लक्ष्य हैं पर उसे अपने जीवन और शरीर की कोई समझ नही होती वह भी आलस की चपेट में आ जाता हैं। आलस मनुष्य का कभी विरोध नही करता हैं। यह मनुष्य को मूर्ख बनाता रहता हैं। मन को तो मूर्ख बनाया जा सकता हैं लेकिन शरीर को नही। मनुष्य को भोजन ऐसा करना चाहिए जिससे की शरीर में उर्जा मिले। जैसे कि फल, कच्ची सब्जियाँ, तथा घर का सादा भोजन ही करना चाहिए। हमारा शरीर चलता हैं भोजन से।

मनुष्य अपने स्वाद का भोजन खाता हैं जैसे बर्गर, पिज्जा, आदि यह खाना खाने से शरीर को उर्जा नही मिल पाती। जिससे वह आलसी बना रहता हैं। मनुष्य को अपने जीवन में एक बडा लक्ष्य बनाना चाहिए। जिससे की मनुष्य का मन अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमेशा उर्जावान रहना चाहिए। जब तक मनुष्य को अपने लक्ष्य के बारे में पता नही चलता हैं तब तक अपने मन को मूर्ख बनाते रहना चहिए।

जैसे आलस मनुष्य को मूर्ख बनाता हैं। कोई भी व्यक्ति शराबी नही बनना चाहता हैं लेकिन उसका मन उसे मूर्ख बना बना कर शराबी बना देता हैं। जैसे कोई मनुष्य चोरी करना नही चाहता हैं। लेकिन उसका मन उसे मूर्ख बना कर चोरी करना सिखा देता हैं। जब तक व्यक्ति बुद्धि से उपर उठकर बुद्ध नही हो जाते।

तब तक व्यक्ति के पास दो रास्ते होते हैं या तो व्यक्ति मन के द्वारा मूर्ख बनता रहे। या फिर आलस को मूर्ख बनाता रहे। बीच का कोई रास्ता नही होता। अगर हमें अपने अपने मन को मूर्ख बनाना बंद कर दिया तो यह हमें मूर्ख बनाना शुरू कर देगा। हमारा मन कब कैसी चाल चलने लगे। इसके प्रति हमे जागरूक रहना चाहिए। हमे अपनी जागरूकता को बढाना हैं। और जागरूक व्यक्तियो के साथ समय बिताना हैं। अगर मनुष्य उर्जावान लोगो के साथ रहेगा तो वह भी उर्जावान बन जाऐगा। इसलिए मनुष्य को आलस पर नियंत्रण पाना हैं और आलसी शत्रु से बचना हैं।

आलस्य मनुष्य का शत्रु निबंध
आलस्य मनुष्य का शत्रु निबंध

FAQs

आलस को मनुष्य का सबसे बडा दुश्मन क्यो कहा जाता हैं?

मनुष्य का सबसे बडा शत्रु उसके शरीर में बैठा हुआ शत्रु होता हैं। जो कि उसकि इच्छाएँ हैं, अज्ञान, अशान्ति, अहंकार, क्रोध, और दुष्ट इच्छाएँ आदि होती हैं। मानव जीवन में सबसे बडी समस्याएँ उसके अंदर बैठे शत्रु के कारण होती हैं। अज्ञान और अहंकार मनुष्य को सत्य से दूर ले जाते हैं। जिससे वह सही निर्णय नही ले पाता।

मनुष्य का पहला शत्रु कौन हैं?

मनुष्य का पहला शत्रु उसका आलस ही होता हैं। जो उसको कार्य हीन बना देता हैं।

आलस्य खराब क्यो हैं?

अगर मनुष्य अपने कर्य को पूरा करने के लिए आगे बढता हैं तो आलस उस काम को टाल देता हैं। मनुष्य जिस काम को आज करना चाहता हैं वही मनुष्य अपने काम को दूसरे दिन पर टाल देता हैं। आलस मनुष्य के जीवन को खराब कर देता हैं। और उसके कार्य करने की क्षमता को कम कर देता हैं।

जीवन में आलस कैसे दूर करें?

आलस आने का बडा कारण हैं जंक फूड को खाना। क्योकि जंक फूड खाने से आलस आता हैं। हमे हेल्दी खाना यानि घर का खाना चाहिए। ताकि हमे उर्जा मिले और हम अपने आलस को दूर कर सकते हैं दूसरा हमे अपनी नींद को पूरा करना होगा। हमें 6 से 7 घंटे की नींद लेनी चाहिए। अगर हमारी नींद पूरी होगी तो हमारे जीवन से आलस दूर हो जाएगा। हमरे जीवन में लक्ष्य का ना होना। अगर हमारे जीवन में बडा लक्ष्य होता हैं तो हम अपने लक्ष्य को पाने की और बढने लगते हैं। जिससे हम अपने जीवन में आलस आने से रोक सकते हैं।

आलसी व्यक्ति कैसा होता हैं?

आलसी व्यक्ति वह होता हैं जो अपने जीवन में कोई लक्ष्य नही रखता। अपने काम को दूसरो के ऊपर डाल देता हैं वो हमेशा आराम करने की सोचता हैं। वह अपने काम के प्रति जागरूक नही होता। आलसी व्यक्ति को अपने जीवन में कुछ पाने की इच्छा नही होती।

ज्यादा आलस आने का क्या कारण होता हैं?

मनुष्य अपने खाने पीने का ध्यान नही रखता वह बाहर का खाना जैसे जंक फूड को अपने जीवन में शामिल कर लेता हैं वो जंक फूड को खाने का आदि हो जाता हैं। इससे उसके जीवन में आलस आता रहता हैं। नींद का पूरा ना होना। शरीर में पोषक तत्वो की कमी होने के कारण, सोडियम एक एलेक्ट्रोलाइट हो जो शरीर में पानी और दुसरे पदार्थो को कंट्रोल करता हैं।

आलस को दूर करने के लिए क्या करें?

आलस को दूर करने के लिए हमे सुबह जल्दी उठना चाहिए। तथा व्यायाम, योग, एक्सरसाइज, करनी चाहिए। अच्छा हेल्दी खाना खाना चाहिए। जिससे हमारे सवास्थ्य ठीक रहे। हमे अपने काम को समय पर पूरा कर लेना चाहिए। हमे पूरा दिन एनर्जी से भरा हुआ होना चाहिए। आलस और थकान को दूर करने के लिए हमें Positive वाले काम करने चाहिए। हमें अपने आने वाले दिनो की Planning करके रखनी चाहिए। हमें अपनी पूरी इमानदारी से काम करना चाहिए। अगर हम अपने किसी भी काम को अच्छे से निपटा लेते हैं। तो हमें खुद की तारिफ कर लेनी चाहिए।

आलसी होने के क्या खतरे होते हैं?

आलसी होने के निम्न खतरे होते हैं जैसे थकान, तनाव, पर्याप्त नींद ना लेना। इससे हमारे शरीर में ब्लड प्रेशर हाई होने का खतरा रहता हैं। तथा हमारे शरीर में बैचेनी उल्टी जैसा मन हो जाता हैं। आलस से शरीर में बुरे गुण उत्पन्न होने लगते हैं। आलसी होने के कारण हमें मानसिक तथा शारिरिक बिमारियो का सामना करना पडता हैं।

व्यक्ति आलसी कब बन जाता हैं?

मूर्ख, अज्ञान लोगो के साथ संगती कर के व्यक्ति आलसी बन जाता हैं। जब व्यक्ति को पता ही नही होता कि उसके जीवन में क्या लक्ष्य हैं। उसे क्या बनना हैं। वह अपने काम को टाल देता हैं। और अपने काम को पूरा करने की कोशिश नही करता। उसको समय का महत्व ही पता नही होता। अपने काम को आज पूरा करने को छोडकर कल करने की सोचता हैं। इसलिए व्यक्ति आलसी बन जाता हैं।

आलस करने से क्या क्या नुक्सान होते हैं?

आलस ही इंसान का सबसे बडा गरीबी का शत्रु हैं। आलस ही इंसान को गरीब बना देता हैं। बडे बुजुर्गो का कहना हैं जिसकी कथनी और करनी एक समान नही होती उस पर कभी भी विश्वास नही करना चाहिए। वह अपने आलस के कारण सभी का विश्वास खो देता हैं। उसी प्रकार जिस तरह अनपढ व्यक्ति को धन और निर्धन को मित्र नही मिलता। उसी प्रकार आलसी व्यक्ति को ना तो विद्या मिलती हैं और ना ही धं। आलस को त्याग कर परिश्रम व साधना व्यक्ति को करनी पडती हैं।

Final words for Alasya Manushya Ka Shatru Nibandh

आलस मनुष्य का सबसे बडा शत्रु हैं। आलसी व्यक्ति ना तो किसी विश्वास के लायक होता हैं और ना ही विद्या, धन के लायक होता हैं। हमें अपने जीवन म्ने आलस को छोड कर अपने लक्ष्य की और बढना चाहिए। आलस ही हमारे जीवन में दुर्भाग्य को जन्म देती हैं। हमें सुबह उठकर व्यायाम तथा परिश्रम करना चाहिए। हमे विद्या धन अर्जित करना चाहिए। हमें अपने आज के काम को कल पर नही छोडना चाहिए। हमें अपने काम को समय पर पूरा कर लेना चाहिए।

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